इस हवन कुण्ड को साक्षी मानकर की थी शिव और पार्वती ने शादी

Samachar Jagat | Wednesday, 24 May 2017 10:27:58 AM
This Havan Kund was considered as a witness to the marriage of Shiva and Parvati

इन्टरनेट डेस्क। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में त्रियुगी नारायण मंदिर नामक एक मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ इसी स्थान पर हुआ था। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि सतयुग से कलयुग तक इस हवन कुण्ड की ज्वाला कभी नहीं बूझी। 

इस मंदिर को आज त्रियुगी नारायण मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। माना जाता है कि पार्वती हिमालय की पुत्री थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विष्णु जी को इस विवाह का साक्षी बनाया गया था। इसलिए यहां पर विष्णु जी का भी मंदिर है जिसकी पूजा भी लोग बड़ी श्रद्धा के साथ करते हैं।

इस मंदिर में पहुंचने के लिए आपको 6 से 7 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। सबसे पहले आपको सोनप्रयाग आना होगा। वहां से सौ मीटर गौरीकुंड की तरफ पहले आप जाएंगे। वहां पर आपको एक लोहे का पुल मिलेगा। उस पुल के पहले ही आपको एक गुमनाम सी पगडंडी मिलेगी। जो ऊपर की तरफ जाती हुई दिखाई देगी।

इस रास्ते से आपको आगे जाना है। यह रास्ता घने जंगल से होकर जाता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि जब आप थोड़ी दूर जाएंगे तो वहां आपको छोटी सी जलधारा दिखाई देती है। उससे पहले पैदल चलते आपको बहुत प्यास लग सकती है इसलिए आप अपने साथ पानी ले कर जाएं।
 



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
रिलेटेड न्यूज़
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.