हर गर्भवती स्त्री यही चाहती है कि उसकी होने वाली संतान स्वस्थ और भाग्यशाली हो। संतान के जीवन में कोई परेशानी न आए। ज्योतिष शास्त्र में एक मंत्र बताया गया है अगर गर्भवती महिला इस मंत्र का जाप करे तो उसकी होने वाली संतान को स्वास्थ्य सुख तो मिलेगा ही इसके साथ ही संतान के भाग्य पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा। अगर कोई स्त्री गर्भवती है, वह गर्भधारण के पहले या मध्यम चरण में भी हो, तब भी यह मंत्र उसकी रक्षा करने के लिए सक्षम है।
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मंत्र व जाप विधि :-
इस मंत्र के लिए गर्भवती महिला को शिव जी की संतान भगवान गणेश की मूर्ति लानी है। इसी मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर मंत्र जाप करना है।
मंत्र जाप करने के बाद गणेश जी को कम से कम दो मोदक का भोग भी लगाना है। गर्भवती महिला इस बात का ध्यान रखे कि यह मोदक उसी के हाथों से बने हों और इसे ग्रहण भी केवल और केवल उसी को करना है। मोदक का यह प्रसाद अन्य किसी भी परिवार के सदस्य को नहीं देना है।
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मंत्र :-
रक्ष रक्ष गणाध्यक्षः रक्ष त्रैलोक्य नायकः, भक्त नाभयं कर्ता त्राताभव भवार्णवात्
इस मंत्र का प्रतिदिन कम से कम एक माला, यानी कि 108 बार जाप करना है। यदि संभव हो तो इससे अधिक भी कर सकते हैं। जब प्रसव का समय पास आने लगे, तब माला की संख्या बढ़ाई जा सकती है, इससे प्रसव में आसानी होती है।
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