ऐसे करें घर के भंडार गृह की दिशा निर्धारित

Samachar Jagat | Monday, 07 Nov 2016 03:31:21 PM
Set the direction of the house, such repository

घर में भंडार कक्ष का होना आवश्यक है, इस भंडार कक्ष में आवश्यकता की सभी वस्तुओं को रखा जा सकता है लेकिन इस भंडार कक्ष को वास्तु के अनुसार बनवाया जाना चाहिए और इसमें वस्तुओं को रखने का स्थान भी वास्तु के नियमों को ध्यान में रखकर निर्धारित करना चाहिए। जिससे घर में धन-धान्य की कमी न हो। चलिए आपको बताते हैं भंडार कक्ष से जुड़े कुछ वास्तु के नियम...

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अन्नादि के भंडार कक्ष का द्वार दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए।

अगर वायव्य कोण में अन्न कक्ष या अन्न भंडार गृह बनाया जाता है तो अन्न की कभी कमी नहीं होती है। घर में धन-धान्य बना रहता है।

अन्न का वार्षिक संग्रहण दक्षिणी अथवा पश्चिमी दीवार के समीप किया जाना चाहिए।

भंडार गृह में अनुपयोगी चीजें नहीं रखनी चाहिए।

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अन्न कक्ष या अन्ना भंडार गृह में डिब्बे या कनस्तर को खाली नहीं रहने दें। अगर कोई डिब्बा पूरी तरह खाली हो रहा हो तो भी उसमें कुछ मात्रा में अन्न बचा देना चाहिए। यह समृद्धि के लिए जरूरी माना जाता है।

अन्न भंडार कक्ष में घी, तेल, मिट्टी का तेल एवं गैस सिलेन्डर आदि को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए।

रोज उपयोग में आने वाले खाद्यान्न को कक्ष के उत्तर-पश्चिमी भाग में रखा जाना चाहिए।

संयुक्त भंडार कक्ष भवन के पश्चिमी अथवा उत्तर-पश्चिमी भाग में बनाया जाना चाहिए।

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