शास्त्रों में नौ प्रकार की मणियों का वर्णन मिलता है, इनमें से ही एक मणि है उलूक मणि। उलूक का मतलब होता है उल्लू, यानि इस मणि का स्वामी उल्लू होता है। नेत्रहीनों के लिए तो ये मणि किसी चमत्कार से कम नहीं है। शास्त्रों के अनुसार प्राचीनकाल में ये मणि आसानी से मिल जाती थी लेकिन आजकल ये प्रायः गायब ही हो गई है।
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आपको बता दें कि मान्यता के अनुसार उल्लू के घोंसले में उलूक मणि पाई जाती है और इसका रंग मटमैला होता है, यह नेत्र ज्योति बढ़ाने में लाभदायक है। ग्रंथों और पौराणिक कथाओं के अनुसार अगर किसी अंधे व्यक्ति को अंधेरे में ले जाकर द्वीप प्रज्वलित कर उसकी आंख से इस मणि को लगा दें तो उसे दिखाई देने लगता है।
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आज के समय में जहां ये मणि प्रायः लुप्त हो गई है ऐसे में इसकी सच्चाई के बारे में पता लगाना असंभव कार्य है।
(ये सभी जानकारियां शास्त्रों और ग्रंथों में वर्णित हैं, लेकिन इन्हें अपनाने से पहले किसी विशेष पंडित या ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें।)
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