आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अतिप्रिय है, क्योंकि इसमें लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए इसकी पूजा करना माना विष्णु लक्ष्मी की पूजा करना। इस दिन व्रत करने से शादीशुदा औरतों की सभी मनोकामना पूरी होती है। इस विधि से करें आंवला नवमी पर पूजा....
आंवला नवमी के दिन सुबह स्नान कर दाहिने हाथ में जल, चावल, फूल आदि लेकर व्रत का संकल्प करें।
आंवला नवमी कथा
इस दिन आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर खाने का विशेष महत्व है। यदि आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनाने में असुविधा हो तो घर में भोजन बनाकर आंवला के वृक्ष के नीचे जाकर पूजन करने के बाद भोजन करना चाहिए।
आंवले के पेड़ के नीचे साफ सफाई करके पेड़ के नीचे बैठकर पूरे विधि-विधान से पूजा करें। आंवले के वृक्ष की पूजा दूध, फूल एवं धूप से करनी चाहिए।
इस दिन आंवला खाना बहुत शुभ रहता है।
108 परिक्रमा लगा महिलाओं ने की आंवले के पेड़ की पूजा
इस दिन दीया जलाया जाता है, एक धागा बांधकर मनोकामनाएं मांगी जाती है। परिक्रमा कर रक्षा सूत्र बांधा जाता है।
आंवला नवमी के दिन आंवले का रस मिलाकर नहाएं, ऐसा करने से आपके आस-पास व्याप्त नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होगी।
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