साउथ-वेस्ट (नैऋत्य कोण) वास्तु शास्त्र की सबसे महत्वपूर्ण दिशा होती है। इस दिशा के कारक ग्रह राहु देव होते हैं। इस दिशा में घर का मुख्य द्वार होना एक बड़ा वास्तु दोष माना जाता है जो आपको हर तरह की परेशानी देने की क्षमता रखता है। इसी कारण अगर इस दिशा में दरवाजा हो तो इससे उत्पन्न होने वाले वास्तुदोष को दूर करने के उपाय अवश्य करें। जिससे इस वास्तुदोष का प्रभाव आप पर न पड़े। चलिए आपको बताते हैं इन उपायों के बारे में ....
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इस दोष को कम करने के वास्तु उपाय :-
इस दिशा में भारी दरवाजे का ही उपयोग करें, कोशिश करें की दरवाजा लोहे का हो।
दरवाज़े का रंग मेहरून या स्किन, भूरा हो।
वास्तुदोष को कम करने के लिए दरवाज़े के बाहर एक कोन्वेक्स शीशे का उपयोग करें।
यदि हिन्दू धर्म के मानने वाले हो तो घर के बाहर एक पंचमुखी हनुमानजी भी लगा सकते है।
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दोष को कम करने के लिए उत्तर दिशा में एक दरवाज़ा बना लें इससे भी दोष कम होगा।
इस दिशा में किसी भी फव्वारे या पानी की वस्तु का इस्तेमाल न करें।
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