अकाल मृत्यु और दुर्घटना से बचना है तो करें इस एक मंत्र का जाप

Samachar Jagat | Tuesday, 14 Mar 2017 10:48:57 AM
mahamrityunjaya mantra

भगवान शिव साकार और निराकार दोनों ही रुपों में हर सांसारिक पीड़ा का शमन करने वाले माने गए हैं। शिव भक्ति में यही भाव और श्रद्धा मन को शांत और संतुलित कर व्यवहार के दोषों से भी दूर रखती है। जिससे सुखद परिणाम जल्द मिलते हैं। शिव श्मशान वासी हैं, जो मृत्यु के भय को दूर करते हैं। हमारे मन में शिव वास करें और हमारे मन से मृत्यु का भय दूर हो। अगर आपको भी मृत्यु का भय सताता है तो आप भगवान शिव के इस मंत्र का जाप अवश्य करें। आपका भय अवश्य दूर होगा.....

महामृत्युंजय मंत्र-
 

"ॐ हौं जूं सः भूर्भुवः स्वः ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। 
उर्वारुकमिव बन्धनानमृत्योर्मुक्षीय मा मृतात। स्वः भुवः भू ॐ सः जूं हौं ॐ।"

इस मंत्र के बीज अक्षरों में विशेष शक्ति है। इस मंत्र को ऋग्वेद का ह्रदय भी माना जाता है। इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करने से जीवन में अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है तथा और दुर्घटना आदि से बचाव होता है। पद्म पुराण में वर्णित इस मंत्र को महर्षि मार्कण्डेय द्वारा तैयार किया गया था। कहा जाता है कि मार्कण्डेय ही एक मात्र ऐसे ऋषि थे जिन्हें इस महामंत्र का ज्ञान था। महर्षि शुक्राचार्य ने भी इस महामंत्र के द्वारा अमृत सिद्धि प्राप्त की थी। 

 



 

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