अगर आपने नया-नया कारखाना खोला है या पुराने कारखाने में काम सही ठंग से नहीं चल रहा है तो वास्तुशास्त्र पर ध्यान अवश्य दें। नया कारखाना खोलते समय सभी चीजों और मशीनरी को वास्तु के अनुसार रखें। यदि कारखाने में धंधा चलने के बावजूद भी लाभ नहीं हो रहा हो तो इसके पीछे भी वास्तु दोष कारण हो सकता है। ऐसे में व्यवसाय स्थल पर कुछ बदलाव करके वास्तु दोषों का निवारण किया जा सकता है। हम यहां आपको कुछ वास्तु टिप्स बता रहे हैं जिन्हें नया कारखाना खोलते समय ध्यान में रखें साथ ही अगर पुराने कारखाने में अगर वास्तु दोष हो तो वो भी इन टिप्स के माध्यम से सही करें।
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कारखाने के लिए वास्तु टिप्स :-
कारखाने में भारी मशीनें हमेशा दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में ही लगानी चाहिए।
कारखाने के आग्नेय कोण में जनरेटर , बायलर , भट्टी और बिजली का मीटर लगाना चाहिए।
मशीनों की मरम्मत एवं रखरखाव की वर्कशाप पश्चिम दिशा में बनाना उचित रहता है।
अनुसन्धान एवं विकास की इकाई सदैव पूर्व दिशा में ही बनानी चाहिए।
कैंसर जैसे भयानक रोग को जन्म देते हैं ये वास्तुदोष
कार्य करते समय कर्मचारियों का मुंह उत्तर या पूर्व की ओर होना चाहिए।
लोहे के भंडार को हमेशा पश्चिम दिशा में रखने से लाभ होता है।
कारखाने के रासायनिक एवं तरल पदार्थों को हमेशा दक्षिण दिशा में ही रखना चाहिए।
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