वास्तुशास्त्र का अर्थ होता है चारों दिशाओं से मिलने वाली ऊर्जा तरंगों का संतुलन। यदि ये तरंगें संतुलित रूप से आपको प्राप्त हो रही हैं, तो घर में सुख और शांति बनी रहेगी। ऐसे में वास्तु को अपने अनुसार बनाए रखने के लिए कुछ विशेष प्रयासों को किया जाना आवश्यक है। इन प्रयासों के माध्यम से आप अपने घर को वास्तुदोष से बचा सकते हैं
ये तीन टोटके बदल देंगे आपकी किस्मत
सूर्यास्त के समय किसी को भी दूध, दही या प्याज मांगने पर ना दें इससे घर की बरक्कत समाप्त हो जाती है।
छत पर कभी भी अनाज या बिस्तर ना धोएं इससे ससुराल से सम्बन्ध खराब होने लगते हैं।
फल खूब खाओ स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं लेकिन उसके छिलके कूडेदान में ना डालें बल्कि बाहर फेंकें। ऐसा करने से आपको मित्रों से लाभ होगा।
माह में एक बार किसी भी दिन घर में मिश्री युक्त खीर जरुर बनाकर परिवार सहित एक साथ खाएं अर्थात जब पूरा परिवार घर में इकट्ठा हो उसी समय खीर खाएं। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।
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महीने में एक बार अपने कार्यालय में भी कुछ मिष्ठान जरुर ले जाऐं उसे अपने साथियों के साथ या अपने अधीन नौकरों के साथ मिलकर खाऐं तो धन लाभ होगा।
रात्री में सोने से पहले रसोई में बाल्टी भरकर रखें इससे कर्ज से शीघ्र मुक्ति मिलती है और यदि बाथरूम में बाल्टी भरकर रखेंगे तो जीवन में उन्नति के मार्ग में बाधा नही आएगी।
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