हिंदू और मुस्लमान दोनों धर्म की महिलाएं शादी के बाद पैरों में बिछिया पहनती हैं, इसे शादी का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। बिछिया पहनने का धार्मिक महत्व तो है ही इसके साथ ही इसका वैज्ञानिक महत्व भी है। हम आपको यहां बिछिया पहनने के वैज्ञानिक महत्व के बारे में बता रहे हैं.....
विज्ञान के अनुसार पैरों के अंगूठे की तरफ से दूसरी अंगुली में एक विशेष नस होती है जो गर्भाशय से जुड़ी होती है। यह गर्भाशय को नियंत्रित करती है और इसे स्वस्थ रखती है।
जानिए! कैसा होना चाहिए स्टडी रूम का रंग
बिछिया के दबाव से रक्तचाप नियमित और नियंत्रित रहता है, सही तरीके से रक्त संचार होने के कारण महिलाओं को तनाव से मुक्ति मिलती है।
बिछिया मासिक-चक्र को नियमित करने में भी अपनी अहम भूमिका निभाता है।
कब हुई ज्योतिषशास्त्र की उत्पत्ति, कौन है दैवज्ञ
दोनों पैरों में चांदी की बिछिया पहनने से महिलाओं को बहुत लाभ होता है, चांदी विद्युत की अच्छी संवाहक मानी जाती है। धरती से प्राप्त होने वाली ध्रुवीय ऊर्जा को यह अपने अंदर खींचकर पूरे शरीर तक पहुंचाती है, जिससे महिलाएं तरोताज़ा महसूस करती हैं।
(ये सभी जानकारियां शास्त्रों और ग्रंथों में वर्णित हैं, लेकिन इन्हें अपनाने से पहले किसी विशेष पंडित या ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें।)
(Source - Google)
इन ख़बरों पर भी डालें एक नजर :-
घर की इन जगहों पर नहीं लटकाना चाहिए कैलेंडर
जानिए क्यों नमक को कपड़े में बांधकर लटकाया जाता है दरवाजे पर
संतान के लिए कष्टकारी होता है इस दिशा का वास्तुदोष