हम हमेशा ये बात करते हैं कि ज्योतिषशास्त्र में ये लिखा है, ज्योतिषी ने हमारी कुंडली देखकर ये बताया लेकिन क्या आप जानते हैं ज्योतिषशास्त्र क्या होता है। अगर नहीं तो आइए हम आपको बताते हैं क्या होता है ज्योतिषशास्त्र.....
आइए जानते हैं कैसा होता है भरणी नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों का स्वभाव
ज्योतिषं सूर्यादि ग्रहाणां बोधकं शास्त्रम्
अर्थात् सूर्यादि ग्रहों के विषय में ज्ञान कराने वाले शास्त्र को ज्योतिष शास्त्र कहते है। इसमें प्रधानतः ग्रह, नक्षत्र, धूमकेतु आदि ज्योतिः पदार्थो का स्वरूप, संचार, परिभ्रमण काल, ग्रहण और स्थिति, प्रभृति, समस्त घटनाओं का निरूपण एवं ग्रह नक्षत्र की गति, स्थिति और संचारानुसार शुभाशुभ फलों का कथन किया जाता है।
क्या होती है ज्योतिर्विद्या :-
आकाश मण्डल में स्थित ज्योति संबंधी विविध विषयक विद्या को ज्योतिर्विद्या कहते है। ज्योतिष शास्त्र में गणित और फलित दोनों प्रकार के विज्ञानों का समन्वय है। आधुनिक समय में इस शास्त्र को 5 रूपों में बांटकर अध्ययन किया जा रहा है।
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वेदत्व या प्रकाशकत्व :-
संपूर्ण ज्योतिष शस्त्र को वेदो का नेत्र कहा गया है। भारतीय संस्कृति की आत्मा को समझने के लिए वेदों का अध्ययन मनन और चिन्तन परम आवश्यक है। जिस पदार्थ का ज्ञान प्रत्यक्ष प्रमाण या अनुमान, प्रमाण से नही होता है। उसकी प्रतीति वेदों के आधार पर होती है। यही वेदों का वेदत्व या प्रकाशकत्व कहा जाता है।
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