वास्तु पुरूष सिद्धांत के अनुसार दिशाओं को दस भागों में विभक्त किया गया है, उसी भांति हर ग्रह एक निश्चित दिशा में शुभ परिणाम देते हैं दूसरी ओर निश्चित ग्रह निश्चित दिशा में अशुभ परिणाम भी देते हैं। घर की छत जातक की कुण्डली का बारहवां भाव कहलाती है।
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इस भाव से व्यक्ति के आर्थिक नुकसान धन हानि और शैय्या सुख देखा जाता है। ऐसे में घर की छत वास्तु के अनुसार बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। अगर घर की छत पर वास्तुदोष उत्पन्न हो जाए तो इसका प्रभाव पूरे घर पर पड़ता है। ऐसे में घर की छत पर इन चीजों को लगाने से छत का वास्तुदोष दूर किया जा सकता है ।
हनुमान जी पर चढ़ाया गया त्रिकोण लाल झण्डा घर की छत की दक्षिण दिशा में लगाने से दुर्घटना से सुरक्षा मिलती है तथा जीवन साथी के स्वास्थ्य में सुधार आता है।
घर की छत पर सतरंगी पताका लगाने से निसंतान दंपत्ति तो संतान प्राप्त होती है तथा आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।
घर की छत पर जंग लगा लोहे का सामान तथा ईंधन कभी नहीं रखना चाहिए।
घर की छत पर कभी भी पालतु पशु नहीं बांधने चाहिए।
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घर की छत पर कभी भी मंदिर नहीं बनाना चाहिए अन्यथा दुर्भाग्य प्रबल होता है।
घर की छत पर सफेद झण्डा लगाने से व्यक्ति के कारोबार में सुधार आता है तथा धन की प्राप्ति होती है।
घर की छत पर हनुमान जी के सिंदूर से धार्मिक चिन्ह बनाने से ऊपरी बाधा से मुक्ति मिलती है।
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