इन्टरनेट डेस्क। अधिकतर लोग यह मानते है कि मार्शल आर्ट का जन्म चीन में हुआ है। लेकिन आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि मार्शल आर्ट का अविष्कार चीन में ना होकर भारत में हुआ था। भारत में भी इस कला का जनक भगवान कृष्ण का माना गया है। दरअसल इस कला का नाम कालारिपयट्टू था।
भारतीय कहानियों और पुराणों के अनुसार कला के माध्यम से ही उन्होंने चाणूर और मुष्टिक जैसे मल्लों का वध किया था तब उनकी उम्र 16 वर्ष की थी। मथुरा में दुष्ट रजक के सिर को हथेली के प्रहार से काट दिया था।
माना जाता है कि मार्शल आर्ट का विकास ब्रज क्षेत्र के वनों में ही हुआ था। डांडिया रास उसी का एक नृत्य रूप है। कालारिपयट्टू कला के प्रथम आचार्य श्रीकृष्ण को माना गया है।
इस विद्या के कारण ही ‘नारायणी सेना’ भारत की सबसे भयंकर प्रहारक सेना बन गई थी। बाद में यह शिक्षा में बोधिधर्मन से होते हुए आधुनिक मार्शल आर्ट में विकसित हुई।
बोधिधर्मन की वजह से यह विद्या चीन, जापान आदि बौद्ध राष्ट्रों में पहुंची। वहां पर इस विद्या को लोगों ने अपनाया और इसका खूब विकास हुआ। लेकिन इस विद्या का मूल रूप आज भी केरल और कर्नाटक में प्रचलित है।