लखनऊ। शिरडी के साईं बाबा के महानिर्वाण शताब्दी वर्ष के अवसर पर उनके पवित्र उपदेशों का संग्रह हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस संग्रह को जल्द ही तीन अन्य भाषाओं- मराठी, गुजराती और तेलगु में प्रकाशित किया जाएगा। इस संग्रह में साईं बाबा के तकरीबन 500 पवित्र उपदेशों को शामिल किया गया है। संग्रह के लेखक राधेकृष्ण ने हाल ही में राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात कर उन्हें दोनों पुस्तकों की प्रतियां भेंट कीं। राज्यपाल ने दोनों पुस्तकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनसे आम जनमानस को लाभ पहुंचेगा।
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श्री राधेकृष्ण ने बताया कि अमर फाउंडेशन, लखनऊ ने सर्वप्रथम यह संग्रह साई बाबा के पवित्र उपदेश नाम से हिन्दी में और द हॉली प्रीचिंग्स ऑफ साईं बाबा के नाम से अंग्रेजी में प्रकाशित हुआ है। जल्द ही यह मराठी में साईंबाबा चे पवित्र उपदेश नाम से प्रकाशित होगा। उसके बाद यह गुजराती और तेलगु में भी प्रकाशित होगा। इन पुस्तकों की बिक्री से मिलने वाली धनराशि का एक बड़ा हिस्सा गरीब लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और उनको स्वावलम्बी बनाने पर खर्च किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 17 अक्टूबर, 2017 से 14 अक्टूबर, 2018 तक उनका महापरिनिर्वाण शताब्दी वर्ष मनाया जाएगा। इस अवसर पर उनके पवित्र उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस संग्रह का प्रकाशन किया जा रहा है। पांच भाषाओं में प्रकाशित हो रहे संग्रह में साईं बाबा के विस्तृत जीवन-परिचय के साथ ही उनके 500 उपदेशों को समाहित किया गया है।
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श्री राधेकृष्ण ने बताया कि साईं बाबा पर अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, लेकिन पहली बार उनके पवित्र उपदेशों को केंद्र में रखकर किसी पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। बाबा के उपदेश उनके जीवन दर्शन हैं। अपने उपदेशों में उन्होंने मानवता, आपसी प्रेम और भाईचारा, सामाजिक समरसता, धार्मिक सहिष्णुता, नैतिकता और कर्तव्य निर्वहन की बातें कही हैं। इसके साथ ही बाबा का जोर हमेशा ऊंच-नीच, जातिवाद, सामाजिक और आर्थिक गैरबराबरी, धार्मिक कट्टरता को समाप्त करने पर भी रहा।-एजेंसी
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