हनुमान जी - भोले नाथ! अब मैं धरती पर नहीं रह सकता।
भोले नाथ - क्यों?
हनुमान जी - पहले लोग लेट के माथा टेकते थे, फिर घुटने लगे, फिर लोग दूर से ही सिर को झुका के चले जाने लगे। मैं फिर भी खुश था, लेकिन अब तो घोर कलयुग आ गया है
प्रभु! कल एक लड़की आई और हाथ हिला के बोली -
हाय! हनु,