बेंगलूरु। कोलकाता के खिलाफ आईपीएल के न्यूनतम स्कोर पर आउट होने का रिकॉर्ड अपने नाम करने वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूरु आज अपने घरेलू मैदान पर सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ जीत दर्ज कर अपना खोया मनेाबल हासिल करने उतरेगी।
बेंगलूरु आईपीएल के सबसे कम स्कोर पर आउट हुई और उसकी यह हार कप्तान सहित किसी के गले से नहीं उतर रही है, लेकिन यह साफ है कि टीम पूरी तरह से पिछड़ गई है और तालिका में सात में पांच मैच हारकर आखिरी स्थान पर है।
बेंगलूरु के लिए यह फिलहाल अच्छी बात है कि वह अपना अगला मैच घरेलू मैदान पर खेलते उतरेगी और इन परिस्थितियों का फायदा लेकर वह फिर से अपनी स्थिति को सुधार खोया मनोबल भी वापस हासिल कर सकती है। हालांकि मौजूदा स्थिति में तो उसके लिए किसी भी टीम से भिडऩा चुनौती ही है और तीसरे नंबर की सनराइजर्स हैदराबाद निश्चित ही विराट की टीम से बेहतर स्थिति में है जिसने सात में से चार मैच जीते हैं।
लेकिन पिछले मैच में वार्नर की टीम को भी पुणे से छह विकेट से हार मिली थी और ऐसे में बेंगलूरु के लिये यह अच्छा मौका हो सकता है कि वह जीत की पटरी पर लौट आए। यह हैरान करने वाली बात ही है कि क्रिस गेल, कप्तान विराट, एबी डीविलियर्स, मनदीप सिंह, केदार जाधव जैसे अच्छे बल्लेबाजों की मौजूदगी के बावजूद बेंगलूरु की पूरी टीम 50 रन भी नहीं बना सकी।
वैसे देखा जाए तो बेंगलूरु के बल्लेबाजों में इस समय निरंतरता की कमी दिखती है जो उसकी हार की सबसे बड़ी वजह है। गुजरात के खिलाफ 77 रन की पारी खेलकर जहां लग रहा था कि तूफानी कैरेबियाई बल्लेबाज गेल की वापसी हो गई है तो अगले ही मैच में गेल का तूफान फिर ठंडा पड़ गया और वह सात रन ही बना सके। अब तक गेल पांच मैचों में 28.80 के औसत से मात्र 144 रन ही बना पाए हैं।
रनों के लिहाज से अभी भी ओपनिंग क्रम में बेंगलूरु की टीम कप्तान विराट और डीविलियर्स पर ही निर्भर दिखती है। विराट पिछले मैच में शून्य पर आउट हुए तो बाकी कोई बल्लेबाज 10 रन भी बोर्ड पर नहीं जोड़ सका। कंधे की चोट के बाद वापसी से अब तक कप्तान ने अच्छी बल्लेबाजी की है और चार मैचों में दो अर्धशतक बनाए हैं जबकि दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज ने भी चोट से वापसी की है और अब तक 145 रन बनाए हैं।
ओपनिंग में मनदीप भी कुछ खास नहीं कर सके हैं और सात मैचों में उन्होंने भी 10 के औसत से 65 रन बनाए हैं। मध्यक्रम में ऑलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी सबसे फ्लाप खिलाड़ी साबित हो रहे हैं जिन्होंने सभी सात मैच खेले हैं और मात्र 77 रन बनाए हैं जिसमें सर्वाधिक स्कोर 18 रन है और इतने मैचों में मात्र तीन विकेट ही ले सके हैं। बल्लेबाजों की नाकामी ही है कि गेंदबाजों ने जहां अपनी टॉप फार्म में खेल रही केकेआर को 131 के मामूली स्कोर पर ढेर कर दिया वहीं वे इस आसान लक्ष्य का पीछा तक नहीं कर सके।