इस्लामाबाद। वर्ष 1985 में नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका के कवर पृष्ठ पर छपने के बाद मशहूर हुई ‘अफगानिस्तानी गर्ल’ शरबत गुल को कुछ दिन सजा काटने के बाद पाकिस्तान से रवाना कर दिया जायेगा ।
शरबत गुल को पाकिस्तान में फर्जी दस्तावेजों के साथ रहने के कारण गिरफ्तार कर 15 दिन कैद की सजा दी गई थी। गुल के वकील ने बताया कि उसे सोमवार को अफगानिस्तान प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
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पाकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत उमर जखिलवाल ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि शरबत गुल अब कानूनी दांवपेचों से बाहर आ चुकी है। अब वह जल्द ही शरणार्थी जीवन से भी मुक्त हो जायेंगी , क्योंकि सोमवार को वह अपने वतन लौटेंगी,जहां वह आज भी नेशनल आइकन है। गुल के वकील ने बताया कि अदालत में उसने सभी आरोप स्वीकार कर लिये । उस पर कैद के अलावा जुर्माना भी लगाया गया है।
गौरतलब है कि गुल अफगान लड़ाई के दौरान अपने परिवार के साथ पाकिस्तान आयी थी और शरणार्थियों के बनाये शिविर में ही रुक गई थीं। दो साल चली जांच के बाद गुल को 23 अक्तूबर को पाकिस्तान अफगानिस्तान सीमा के समीप पेशावर से गिरफ्तार किया गया था।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुला को उस समय लोकप्रियता मिली जब नेशनल ज्योग्राफिक ने जून 1985 में अपने कवर पर उसकी तस्वीर छापी थी । उत्तरी पश्चिमी पाकिस्तान के एक शरणार्थी शिविर में जब वह रह रही थी तभी फोटोग्राफर स्टीव मैक्करी ने उसकी यह तस्वीर खींची थी। उस समय वह 12 साल की थी।
अपनी हरी आंखों के कारण मशहूर हुई गुल पर साल 2002 में नेशनल ज्योग्राफिक चैनल ने डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिसके बाद वह‘अफगानिस्तान युद्ध की मोनालिसा’के नाम से मशहूर हो गई थी। -एजेंसी
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