यूएन में स्थायी सदस्यता के लिए भारत सहित जी 4 के सदस्य देश वीटो पावर छोड़ने के लिए तैयार हो गए हैं। पांच स्थायी सदस्यों वाली दुनिया की इस सर्वाधिक शक्तिशाली संस्था के विस्तार में वीटो पावर बड़ी बाधा बनी हुई थी।
संयुक्त राष्ट्र में सुधार प्रक्रिया को गति देने के उद्देश्य के तहत भारत समेत जी4 समूह के अन्य देशों ने कहा है कि वे नवीन विचारों का स्वागत करते हैं।
इस मुद्दे पर बातचीत के लिए अंतर-सरकारी बैठक में जी4 देशों की ओर से एक संयुक्त बयान जारी करते हुए यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि जी4 देशों, भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी का मानना है कि यूएन के सदस्य देशों का एक बड़ा बहुमत स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने के पक्ष में हैं।
वीटो वह पावर है जिसका इस्तेमाल करके कोई भी स्थायी सदस्य देश सुरक्षा परिषद में रखे गए किसी भी प्रस्ताव का क्रियान्वयन रोक सकता है। सुरक्षा परिषद के विस्तार की चर्चा कई दशकों से चल रही है। भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान इस शक्तिशाली संस्था के स्थायी सदस्य बनने के प्रबल दावेदार हैं।
गौरतलब है कि 1945 में गठित सुरक्षा परिषद में चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका पांच स्थायी सदस्य हैं। 10 अस्थायी सदस्यों का चुनाव दो वर्ष के लिए किया जाता है। स्थायी सदस्यता के भारत के प्रयासों में चीन और पाकिस्तान अड़ंगा डालते रहे हैं।