लंदन। ब्रिटिश परमार्थ आयोग ने बाल यौन उत्पीडऩ के आरोप के मामले को सही ढंग से नहीं निपटाने को लेकर ‘ग्रेल ट्रस्ट’ के न्यासियों की आलोचना की है।
यह मामला भारत में ग्रेल ट्रस्ट की साझेदार संस्था ‘ग्रेल ट्रस्ट इंडिया’ जीटीआई की ओर से संचालित एक बाल संरक्षण गृह से जुड़े यौन उत्पीडऩ के आरोप का है।
आयोग ने अगस्त, 2011 में आरोप के अधिसूचित होने के बाद शुरुआती जांच की।
इसी जांच में आयोग को पता चला कि इस संस्था से जुड़े लोगों ने आरोप को लेकर किस तरह से कदम उठाया।
जांच में पता चला कि आरोप को लेकर न्यासियों ने जो जवाब दिया वो अनुचित था क्योंकि उन्होंने आरोप की जानकारी नहीं दी और ‘इस पर निष्पक्ष होकर विचार नहीं किया।’