लंदन। ब्रिटिश और भारतीय वैज्ञानिक दिवाली और गे फाक्स नाइट के दौरान आतिशबाजी के बाद दोनों देशों में दृश्यता का स्तर तेजी से घटने के लिए प्रदूषण के स्रोतों, कारणों और प्रभावों को समझने के लिए काम कर रहे हैं।
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और दिल्ली में उनके भागीदारों ने दोनों देशों में वायु प्रदूषण की छानबीन के लिए अगले महीने दिल्ली में साथ मिलकर एक कार्यशाला का आयोजन किया है।
कार्यशाला में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के फ्रांसिस पोप और मुकेश खरे हिस्सा लेंगे। ब्रिटिश कौंसिल ने इसे प्रायोजित किया है और बर्मिंघम में हुए कार्य में पता चला है कि दिवाली तथा गे फाक्स नाइट के दौरान आतिशबाजी के कारण दृश्यता में तेजी से गिरावट आई।
बर्मिंघम के वैज्ञानिकों ने पाया कि तुलनात्मक आद्रर्ता उच्च रहने से दृश्यता में आगे और गिरावट दर्ज की गई।