मार्राकेच। संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता अमेरिकी चुनाव की पृष्ठभूमि में कल शुरू होगी । इस चुनाव का ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने से संबंधी वैश्विक संधि में अमेरिका की भूमिका पर बड़ा असर हो सकता है।
जलवायु परिवर्तन और पिछले साल पेरिस में स्वीकार की गई ऐतिहासिक गैस उत्सर्जन संधि पर हिलेरी क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रप की भिन्न भिन्न राय को देखते हुए कुछ देशों के प्रतिनिधि अपने पसंदीदा नतीजे को लेकर असामान्य रूप से मुखर हैं।
ब्राजील के पर्यावरण मंत्री फिल्हो ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा था कि उनका मानना है कि अमेरिकी समाज जलवायु संबंधी कार्रवाई का समर्थन करता है, भले ही कोई भी अगला राष्ट्रपति बने, लेकिन ‘निजी तौर पर मुझे उम्मीद है कि ट्रंप नहीं जीतेंगे।’
हिलेरी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार की जलवायु नीतियों का समर्थन करती हैं जिनमें पेरिस समझौते के सिलसिले में निरंतर सहयोग शामिल हैं। उधर, ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ग्लोबल वार्मिंग धरती के बढ़ते तापमान के बारे में आशंका व्यक्त ही है और इस साल अपने भाषण में कहा कि यदि वह चुनाव जीत गए तो वह जलवायु संधि रद्द कर देंगे।
इन टिप्पणियों ने अन्य देशों के मन में चिंता पैदा हो गई है कि यदि ट्रंप निर्वाचित हो गए तो क्या अमेरिका संधि के तहत अपने वादे को नजरअंदाज करेगा या उससे पूरी तरह मुंह मोड़ लेगा।
पेरिस संधि पर ट्रंप के बयान के बारे में पूछे जाने पर चीन के शीर्ष जलवायु वार्ताकार शी झेन्हुआ ने कहा ‘‘बुद्धिमान नेता को वैश्विक विकास प्रवृतियों पर मुहर लगाना चाहिए।’’