बांग्लादेश युद्ध अपराध के दो दोषियों को मौत की सजा

Samachar Jagat | Thursday, 20 Apr 2017 05:26:02 AM
Two Bangladesh war crimes convicts sentenced to death

ढाका। एक विशेष न्यायाधिकरण ने पाकिस्तान के खिलाफ वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध करने के लिए आज बांग्लादेश युद्ध अपराध के दो दोषियों को मौत की सजा सुनाई।

तीन सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने मुक्ति संग्राम के दौरान ‘‘नरसंहार, बलात्कार और तबाही’’ जैसे अत्याचार करने के लिए मुस्लिम प्रधान और सैयद मोहम्मद हुसैन को मौत की सजा दी।

न्यायमूर्ति अनवारूल हक की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि उन्हें मौत की सजा या तो फांसी पर लटकाकर या बंदूकधारी दल द्वारा गोलियां मारकर दी जाए। अदालत ने मौत देने के तरीके पर फैसले का जिम्मा सरकार पर छोड़ा।

न्यायाधिकरण ने दोनों दोषियों द्वारा किए गए अपराधों को ‘‘व्यवस्थागत अपराध’’ बताया। इन दोनों की उम्र 60 से 70 वर्ष के बीच है।

उन्हें अभियोजन द्वारा लगाए गए अपहरण, यातना, सामूहिक हत्या और नरसंहार सहित छह आरोपों में दोषी ठहराया गया। मुस्लिम को जुलाई 2015 में किशोरगंज से गिरफ्तार किया गया।

अदालत ने आज गृह मंत्री और बांग्लादेश पुलिस प्रमुख को हुसैन को गिरफ्तार करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया।

दोषी फैसले के एक महीने के भीतर न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं।



 

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