दमिश्क। दमिश्क में शिया जायरीन को निशाना बनाकर हुए दो बम विस्फोटों में शनिवार को 46 लोगों की मौत हो गई जिसमें ज्यादातर इराकी नागरिक शामिल थे। यह सीरियाई राजधानी में सबसे ज्यादा खूनखराबे वाले हमलों में से एक है। एक निगरानी संगठन ने यह जानकारी दी।
दमिश्क में समय समय में बम विस्फोट होते रहे हैं लेकिन राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार का यह गढ छह साल के गृहयुद्ध में कुल मिला कर हमलों से बचा रहा था।
‘द सीरियन आब्जर्वेटरी फार ह्यमून राइट्स’ ने कहा कि बस के पास से गुजरते वक्त सडक़ किनारे बम विस्फोट हुआ जबकि एक आत्मघाती हमलावर ने बाब अल सगीर क्षेत्र में खुद को बम से उड़ा लिया। इस क्षेत्र में शियाओं के कब्रिस्तान हैं जहां दुनियाभर से तीर्थयात्री आते हैं।
मारे गए लोगों में कई शिया तीर्थयात्री शामिल हैं।
संगठन प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने कहा कि दर्जनों लोग घायल भी हैं जिसमें कई की हालत गंभीर है।
सरकारी टेलीविजन ने कहा कि ‘‘आतंकवादियों द्वारा दो बम विस्फोट में’’ 40 लोगों की मौत हुई और 120 घायल हुए।
टीवी ने कई सफेद बसों के फुटेज का प्रसारण किया जिनके शीशे टूटे हुए थे और कुछ बुरी तरह जली हुई थीं।
जमीन पर खून में सने जूते, कांच और व्हीलचेयर पड़ी देखी गईं।
सीरियाई गृह मंत्री मोहम्मद शार ने कहा कि हमला ‘‘विभिन्न अरब देशों के नागरिकों के तीर्थयात्रियों’’ को निशाना बनाकर किया गया। इसका एकमात्र उद्देश्य हत्या करना था।
इराकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसके करीब 40 नागरिक मृतकों में जबकि घायलों में 120 शामिल हैं।
हमले की फिलहाल किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
जनवरी में राजधानी के उच्चसुरक्षा वाले काफर सौसा जिले में दो आत्मघाती हमलों में 10 लोगों की मौत हुई थी जिसमें आठ सैनिक थे। इस हमले की जिम्मेदारी अलकायदा से जुड़े फतेह अल शाम फ्रंट ने ली थी।