वाशिंगटन। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के देश का 45वां राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद वैज्ञानिकों को अमेरिकी विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले विदेशों में जन्मे अनुसंधानकर्ताओं के देश छोडऩे की आशंका है। यह बात एक नये सर्वेक्षण में आयी। इस सर्वेक्षण में उद्योग एवं अकादमिक क्षेत्र से जुड़े 1600 पेशेवरों को शामिल किया गया।
इसमें यह बात सामने आयी कि ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अनुसंधान वित्तपोषण के साथ ही विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित एसटीईएम शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पडऩे की आशंका है। करीब 57.11 प्रतिशत का मानना है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप अनुसंधान वित्तपोषण को नुकसान पहुंचाएंगे।
करीब 24 प्रतिशत ने कहा कि इससे कोई असर नहीं पड़ेगा जबकि मात्र 9.79 प्रतिशत ने कहा कि ट्रंप का कार्यकाल सकारात्मक साबित होगा।जिनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी न्यूज जीईएन के सर्वेक्षण के अनुसार करीब 51.74 प्रतिशत का मानना है कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित शिक्षा ट्रंप प्रशासन के तहत कोई प्राथमिकता नहीं होगी।
जीईएन की संस्थापक एवं सीईओ मैरी एन लिबर्ट ने कहा, ‘‘जैव प्रौद्योगिकी उद्योग प्रतिभा पलायन की आशंका का सामना कर रहा है और यह बहुत ही चिंताजनक है।करीब 46.78 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे मानते हैं कि विदेशों में जन्मे वैज्ञानिक जिन्होंने अमेरिका में शिक्षा ग्रहण की है उनके ट्रंप के कार्यकाल के दौरान देश छोडऩे की उम्मीद है।भाषा