काठमांडू। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि आतंकवाद विश्व की शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा उत्पन्न करता है। मुखर्जी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस बुराई को मिटाने के लिए साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।
नेपाल की तीन दिवसीय यात्रा पर आए मुखर्जी ने कहा, ‘‘आज आतंकवाद हमारी शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा उत्पन्न करता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। हमें आतंकवाद की समस्या को समाप्त करने के लिए सभी समाजों में सहिष्णुता और समझ को बढ़ावा देने की जरूरत है।’’ मुखर्जी की यह यात्रा पिछले 18 वर्षों में किसी भारतीय राष्ट्रपति की पहली नेपाल यात्रा है।
नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने मुखर्जी के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन किया। मुखर्जी ने कहा कि 21वीं सदी में हम जिन समान चुनौतियों का सामना करते हैं, वे हमारे क्षेत्र और उसके आगे शांति और सुरक्षा का एक माहौल निर्माण को जरूरी बनाएंगी।
उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्रीय एवं उप क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि भारत को इसकी प्रसन्नता है कि उसे प्रधानमंत्री प्रचंड और बिमस्टेक देशों के अन्य देशों के नेताओं का गोवा में ब्रिक्स...बिमस्टेक आउटरीच सम्मेलन में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए स्वागत करने का मौका मिला ।
नेपाल ने दक्षेस के अध्यक्ष के तौर पर उरी में पाकिस्तानी आतंवादियों द्वारा किए गए हमले की निंदा की थी जिसमें 19 सैनिक शहीद हो गए थे।
नेपाल ने इस्लामाबाद में दक्षेस सम्मेलन रद्द करते हुए और सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करते हुए एक बड़ा बयान जारी किया था।
यह विचार नेपाल के नेताओं ने आज भी तब दोहराया जब नेपाल के विदेश मंत्री प्रकाश शरण महत ने यह कहा कि किसी भी देश को अपनी जमीन का इस्तेमाल दूसरे देश के खिलाफ करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए, और सभी तरह से आतंकवाद की निंदा करनी चाहिए।
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने कहा कि नेपाल भारत की सुरक्षा चिंताओं से अवगत है और आतंकवाद की निंदा करता है।
इस बीच, मुखर्जी ने यह रेखांकित करते हुए कि भारत अपने पड़ोसियों विशेष तौर पर नेपाल के साथ अपने संबंधों को उच्च प्राथमिकता देता है जिसके साथ उसके नजदीकी संबंध हैं। उन्होंने कहा कि एक संप्रभु देश के तौर पर दोनों देशों ने यह सुनिश्चित किया है कि साझेदारी एक-दूसरे के ‘‘हितों और चिंताओं’’ के लिए अधिकतम विश्वास और सम्मान पर आधारित हो।