पेरिस। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रों से शनिवार को यहां मुलाकात की। साथ ही, भारत और फ्रांस आतंकवाद और चरमपंथ द्वारा पेश की गई चुनौती से निपटने के लिए अपने सहयोग को और प्रगाढ़ करने पर सहमत हुए।
कई मुद्दों पर वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कार्यक्रम में दोनों नेताओं ने दुनिया भर में आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर चिंता जाहिर की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद वह सबसे बड़ी चुनौती है, जिसका विश्व आज सामना कर रहा है। फ्रांस आतंकवाद द्वारा पेश किए गए खतरे को समझता है।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद को देखा जा सकता है और यह फ्रांस एवं भारत सहित समूची दुनिया को प्रभावित कर रहा है। दुनिया को आतंकवाद की बुराई को शिकस्त देने के लिए एकजुट होने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि दोनों ही देश आतंकवाद के सभी रूपों से लडऩे को राजी हुए हैं। भारत और फ्रांस के बीच गहरे संबंध हैं और दोनों राष्ट्र द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तर पर काफी लंबे समय से साथ मिल कर काम करते आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे यह व्यापार या प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष और निवेश, ऊर्जा, शिक्षा और उद्यम ही क्यों ना हो, हम भारत - फ्रांस संबंधों को प्रोत्साहन देना चाहते हैं।
उन्होंने भारत और फ्रांस के बीच सांस्कृतिक संबंध बेहतर करने की भी रुचि जाहिर की।
मोदी ने कहा कि कई भारतीय विश्व शांति के लिए दोनों विश्वयुद्ध लड़े थे। मैक्रों ने विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस की आजादी के लिए बलिदान देने को लेकर भारतीय सैनिकों का शुक्रिया अदा किया।
मोदी ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति को भारत आने का न्योता दिया। मैक्रों ने न्योता स्वीकार कर लिया और कहा कि वह साल के आखिर में भारत की यात्रा करेंगे तथा दोनों देश विश्व सौर गठजोड़ की एक बैठक आयोजित करेंगे।
इससे पहले, प्रेसीडेंशियल एलसी पैलेस के प्रांगण में मैक्रों ने मोदी को गले लगा कर उनका अभिवादन किया, जब वह बैठक और भोज के लिए पहुंचे थे।
भारत का नौवां सबसे बड़ा निवेश साझेदार फ्रांस है। यह यूरोपीय देश रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु और नवीकरणीय ऊर्जा, शहरी विकास तथा रेलवे जैसे क्षेत्रों में भारत की विकास कोशिशों में एक अहम साझेदार भी है।
प्रधानमंत्री ने मैक्रों की चुनावी जीत को लेकर उन्हें बधाई दी थी और कहा था कि वह द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके साथ काम करने के लिए आशावादी हैं।
गौरतलब है कि 39 वर्षीय मैक्रों ने फ्रांस का सबसे युवा राष्ट्रपति बन कर इतिहास रच दिया था।
मोदी रूस से फ्रांस पहुंचे हैं। वहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता की थी। वह रूस में इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में भी शरीक हुए थे। रूस से पहले मोदी ने जर्मनी और स्पेन की यात्रा कर वहां के शीर्ष नेतृत्व के साथ वार्ता की थी।