कोलंबो। श्रीलंकाई सरकार ने आज कहा कि एक भारतीय मछुआरे की मौत की शुरूआती जांच रिपोर्ट ने उसकी नौसेना की किसी भूमिका से इंकार किया है।
भारत ने यह मुद्दा श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ उठाया है।
भारत के 22 वर्षीय मछुआरे की कल उस समय मौत हो गई थी जब वह कच्चातिवु द्वीप के पास एक नौका से मछली पकड़ रहा था। स्थानीय मछुआरों का आरोप है कि श्रीलंकाई नौसेना द्वारा उसकी हत्या की गई।
नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत सरकार एक भारतीय मछुआरे की मौत पर बहुत चिंतित है। श्रीलंका में हमारे उच्चायुक्त ने श्रीलंकाई प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के साथ इस मामले को उठाया है। श्रीलंकाई नौसेना ने पूर्ण एवं विस्तृत जांच का वादा किया है।’’
श्रीलंकाई नौसेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कमांडर चामिंडा वालाकुलुगे ने स्पष्ट रूप से मछुआरे की मौत में नौसेना की किसी संलिप्तता से इंकार किया।
उन्होंने कोलंबो में कहा कि नौसेना मछली पकडऩे वाले मछुआरों पर गोली नहीं चलाती बल्कि उन्हें केवल गिरफ्तार करती है ।
श्रीलंकाई विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘शुरूआती जांच में संकेत मिले हैं कि श्रीलंकाई नौसेना इसमें शामिल नहीं थी।’’
इसमें कहा गया, ‘‘इसमें शामिल पक्षों से इतर, अगर वास्तव में गोलीबारी हुई तो यह गंभीर चिंता का विषय है और जीपीएस तकनीक की मदद से इस घटना की जांच के लिए संबंधित भारतीय अधिकारियेां के सहयोग से हरसंभव कार्रवाई की जाएगी।’’
इस हत्या के बाद तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये जहां मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी ने इस घटना की निंदा की और पीडि़त के परिवार के लिए पांच लाख रूपये के मुआवजे की घोषणा की।
पलानीस्वामी ने कहा कि राज्य सरकार गिरफ्तारी और श्रीलंकाई नौसेना द्वारा मछुआरों को ‘‘धमकाने’’ के अलावा उनकी नौकाएं जब्त करने की विभिन्न घटनाओं को केन्द्र के साथ कई बार उठाती रही है और दीर्घावधि के समाधान के लिए कहती रही है।
तमिलनाडु के रामेश्वरम में सैकड़ों मछुआरों ने भी प्रदर्शन किया।
श्रीलंकाई मत्स्य मंत्री महिंदा अमरवीरा ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारी को पत्र लिखकर कथित गोलीबारी की जांच के लिए कहा।
अमरवीरा ने कहा कि उन्होंने कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त तरनजीत सिंह संधू से बात की और आश्वासन दिया कि श्रीलंका किसी घटना से दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध खराब होने देना नहीं चाहता। -(एजेंसी)