श्रीलंका में सेना, पुलिस कर रही बर्बरता : संरा

Samachar Jagat | Saturday, 04 Mar 2017 06:13:47 AM
Sri Lanka Army, police brutality is: UN

जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि श्रीलंकाई सेना और पुलिस देश में बलात्कार और बर्बरता जैसे अपराधों को अंजाम दे रही है और इन मामलों में लिप्त अधिकारियों तथा युद्ध के बाद ऐसी गतिविधियों में दोषी पाए गए अधिकारियों को सजा दी जानी चाहिए। 

संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने श्रीलंका सेना पर आरोप लगाया है कि 26 वर्षों तक चले गृह युद्व में उसने हजारोंं नागरिकों की हत्या की है और इनमें अधिकतर तमिल शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि श्रीलंका की सरकार को गृह युद्व के दौरान ऐसी गतिविधियों को अंजाम देने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की समय सीमा तय करनी चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे अपराधों को अभी भी अंजाम दिया जा रहा है।

इसमें कहा गया है कि अत्यधिक बल प्रयोग, बर्बरता, मनमाने तरीके से गिरफ्तारी तथा कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं करने जैसी गतिविधियां खुले आम हो रही है। जवाबदेही की कमी से ऐसे मामले और बढ़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त जैद राद अल हुसैन के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है मैं श्रीलंका सरकार से आग्रह करता हूं कि वह इन मामलों में न्याय दिलाना सुनिश्चत करें ताकि पहले हुई गलतियों को कोई फिर से न दोहरा सके।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ता संगठनों के हवाले से इस आशय की खबरें मिली है अभी भी श्रीलंका की सेना जानबूझकर लोगों को उठाने, बर्बरता और यौन हिंसा जैसे अपराधों को कर रही है और इन आरोपों की जांच होनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने मांग की है विश्वसनीय जांच के लिए जांच पैनल में किसी विदेशी जज को भी शामिल किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि जिनेवा में मानवाधिकार कार्यकर्ता परिषद को संबोधित करते श्रीलंका के विदेश मंत्री मंगला समीरावाला ने कहा था कि बर्बरता को लेकर श्रीलंका सरकार जीरो टालरेंस की नीति अपना रही है। -(एजेंसी)



 
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