इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि एक सदस्यीय आयोग पनामा पेपर्स मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करेगा तथा उसने आरोपों का जवाब देने में शरीफ के बच्चों के नाकाम रहने को लेकर नाखुशी भी जताई।
शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ दायर पांच याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पांच सदस्यीय पीठ ने प्रधानमंत्री के बच्चों को आदेश दिया कि वे सोमवार को लिखित जवाब सौंपें।
पीठ ने कहा कि पनामा पेपर्स में किए गए खुलासों की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है।
संबंधित शर्तों और शरीफ के बच्चों की ओर से दायर जवाबों की समीक्षा करने के बाद इस बारे में आखिरी फैसला किया जाएगा।
शरीफ के वकील सलमान अहमद बट्ट ने आज प्रधानमंत्री और उनके दामाद मुहम्मद सफदर के जवाब अदालत में सौंप दिए। परंतु उनकी बेटी मरियम और बेटों हुसैन एवं हसन जवाब दाखिल करने में नाकाम रहे।
प्रधानमंत्री ने किसी भी विदेशी कंपनी में मालिकाना हक होने से इंकार करते हुए कहा कि वह नियमित तौर कर की अदायगी करने वाले शख्स हैं।
उन्होंने कहा कि उन्होंने 2013 में अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था इसलिए संविधान के तहत उनको अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता।
शरीफ ने दलील दी कि उनका कोई बच्चा उन पर निर्भर नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि शरीफ के बच्चों ने जवाब क्यों नहीं दिया तो वकील ने कहा कि मरियम, हुसैन और हसन देश से बाहर हैं।
पीठ ने नाखुशी जाहिर की और कहा कि वे सोमवार तक अपने जवाब दाखिल करें ताकि मामले को आगे बढ़ाया जा सके। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।