देश में चावल की खेती अनुमान से पहले ही शुरू हो गई थी : अध्ययन

Samachar Jagat | Monday, 21 Nov 2016 02:34:38 PM
Rice cultivation in the country estimated before the began

लंदन। भारत में चावल की खेती बहुत पहले ही शुरू हो गई थी। प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के स्थानों पर नए शोध में पता चला है कि देश की मुख्य फसलों की पैदावार चीन के साथ ही शुरू हो गई थी। 

शोध में इस तथ्य की भी पुष्टि हुई है कि सिंधु घाटी के लोग दोनों मौसमों में जटिल फसलों की पैदावार करते थे। गर्मियों में यहां चावल, बाजरा और सेम पैदा की जाती थी और सर्दियों में गेहूं, जौ और दालों की पैदावार होती थी। दोनों फसलों के लिए पानी की अलग-अलग मात्राओं की जरूरत होती है। 

शोध के अनुसार क्षेत्रीय कृषकों का एक नेटवर्क प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के बाजारों में मिश्रित उपज की आपूर्ति करता था। कांस्य युग के दौरान यह सभ्यता पाकिस्तान से लेकर भारत के उत्तरपश्चिम क्षेत्र तक फैली हुई थी। 

गंगा के मध्य तराई क्षेत्र के लहुरादेव के इलाके में चावल के प्रयोग के प्रमाण मिले हैं, जबकि लंबे समय से यह माना जाता था कि यह कृषि विधियां सिंधु सभ्यता के अंत तक दक्षिण एशिया तक नहीं पहुंच सकीं। और करीब 2000 ईसापूर्व में चीन से यह विधि यहां आई।

उत्तर प्रदेश में बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय बीएचयू और ब्र्रिटेन के आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को करीब 430 साल पहले दक्षिण एशिया में इस फसल के पहुंचने के प्रमाण मिले हैं।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के जेनिफर बेट्स ने कहा, हमें पूरी तरह से प्राचीन दक्षिण एशिया में अलग प्रक्रिया के तहत खेती के प्रमाण मिले हैं। अनुमान है कि जंगली जनजाति ओरयाजा निवारा इस तरह की खेती करते थे। 

उन्होंने बताया, ‘आर्द्र’ और ‘सूखी’ भूमि पर धान की फसल पैदावार होने से यहां के विकास में मदद मिली। यह चीन में धान की पैदावार कने से करीब 2000 ईसापूर्व पहले ही यहां पहुंच गई थी। 



 

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