प्रवासी भारतीय दिवस विशेष : जानिए प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के बारें में

Samachar Jagat | Monday, 09 Jan 2017 03:21:33 PM
Pravasi Bharatiya day  spicial : know to about Pravasi Bharatiya day convention

                          - नरेंद्र बंसी भारद्वाज -
9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से नस्ल विरोधी आंदोलन द्वारा ख्याति प्राप्त करने के बाद पहली बार भारत आये थे। महात्मा गांधी के भारत आगमन के दिन को यादगार बनाने के लिए भारत सरकार ने 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस घोषित किया। भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीयों के साथ सामंजस्य और संवाद कैसे स्थापित किया जाए इस विषय को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन प्रमुख कानूनविद लक्ष्मीमल सिंघवी की अध्यक्षता में किया गया। 18 अगस्त 2000 को इस कमेटी की संस्तुति पर महात्मा गांधी के आगमन दिवस को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाने और प्रतिवर्ष 7-9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन किया जाने लगा। 

इस बार 14वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन बेगलुरू में हो रहा हैं। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत भाषण के साथ हुआ। इसमें दुनियाभर से हजारों की संख्या में प्रवासी भारतीय हिस्सा ले रहे हैं। आज प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के द्वारा कुछ प्रवासी भारतीयों को सम्मानित करने के बाद समापन उद्बोधन के साथ 14वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन की समाप्ति होगी। इससे पूर्व 13 प्रवासी भारतीय सम्मेलनों को आयोजन हो चुका हैं, तो आइए जानते है इससे पूर्व आयोजित सम्मेलनों के बारें में...
1. 2003 (नई दिल्ली)                         
2. 2004  (नई दिल्ली)
3. 2005 (मुंम्बई)
4. 2006 (हैदराबाद)
5. 2007 (नई दिल्ली)
6. 2008 (नई दिल्ली)

7. 2009 (चैन्नई)
8. 2010 (नई दिल्ली)
9. 2011 ( नई दिल्ली)
10. 2012 (जयपुर)
11. 2013 (कोच्चि)
12. 2014 (नई दिल्ली)
13. 2015 (गांधी नगर)
 वर्ष 2015  में भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी के भारत आगमन के सौ साल पूरे होने के अवसर पर प्रवासी भारतीय सम्मेंलन का आयोजन गांधी नगर में किया गया तथा ये निर्णय लिया गया कि प्रवासी भारतीय सम्मेंलन प्रतिवर्ष के स्थान पर प्रत्येक दो वर्ष के अंतराल पर किया जायेगा। जिससे प्रवासी भारतीय सम्मेंलन को और ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकें। 

इस निर्णय के उपरांत यह दो वर्षो बाद पहला और अब तक का 14वां प्रवासी भारतीय सम्मेंलन बेंगलुरू में आयोजित हो रहा हैं। वर्तमान में प्रवासी भारतीय 48 देशों में निवास कर रहें हैं और इनकी संख्या करीब 2 करोड़ हैं। इनमें से सर्वाधिक भारतीय इन देशों में निवास करते हैं। 
अमेरिका- 3443063
सऊदी अरब -  3,000,000
संयुक्त राज्य अमीरात (यूएई) -  2,200,000
मलेशिया - 2088000
नेपाल -  2000.000
ब्रिटेन - 1451862
कनाडा - 1214110
दक्षिण अफ्रीका - 1.21411 
म्यांमार - 100,000
कुवैत -  57 9 3 9 0
श्रीलंका -551,3 9 0
कतर - 545,000
ऑस्ट्रेलिया - 390, 894
सिंगापुर - 351,700
त्रिनिनाद एवं टेबेगो - 468,500
बहरीन - 350,000
गुआना - 320,200
फिजी - 313,798 
नीदरलैंड - 215,000
थाईलैंड - 150,000
इटली - 120,000
इंडोनेशिया - 125,000
न्यूजीलैंड - 160,000
केन्या - 100,000
इन दो करोड़ भारतीय की सर्वाधिक संख्या 11 देशों में हैं। जहां इनकी आबादी 5 लाख से अधिक हैं तथा ये वहां की जनसंख्या में अपना अच्छा खासा प्रतिनिधित्व रखती हैं। वहां के देशों के विकास में ये आबादी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहीं हैं।  प्रवासी भारतीयों में बॉबी जिंदल (अमेरिका), न्यूजीलैंड के गर्वनर आनंद सत्यानंद, ब्रिटिश सांसद किथ वॉज, लिबरल पार्टी के अध्यक्ष लॉर्ड ढोलकिया, सूरीनाम के उपराष्ट्रपति एस.आर. नाथन, गुआना के राष्ट्रपति अनिरूद्ध जगन्नाथ, मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन राम गुलाम, फिजी के प्रधानमंत्री महेन्द्र चौधरी, केन्या के प्रथम उप राष्ट्रपति जोसेफ मुरूम्बी, त्रिनिनाद एवं टोबेगो की पहली महिला अटार्नी जरनल कमला बिसेसर का नाम प्रमुख जिन्होंने राजनीति में अपना एक मुकाम हासिल किया।

प्रवासी भारतीयों ने संयुक्त राज्य अमेरिका को दुनिया का सिरमौर बनाने में अपनी अहम भूमिका अदा कि हैं। अमेरिका में 38 फीसदी डॉक्टर, 12 फीसदी वैज्ञानिक और नासा में 36 फीसदी कर्मचारी प्रवासी भारतीय हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कंपनियों में भी भारतीयों का विशेष योगदान हैं। माइक्रोसॉफ्ट में 34 फीसदी, आईबीएम में 28 फीसदी और इंटेल में 17 फीसदी भारतीय कार्यरत हैं।



 

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