काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड की गठबंधन सरकार आज नेपाल की संसद में संविधान संशोधन विधेयक को सूचीबद्ध कराने का अपना वादा पूरा करने में असफल रही क्योंकि प्रक्रिया को लेकर अनिश्चितता रही।
उम्मीद थी कि सरकार संशोधन विधेयक संसद में पेश करेगी ताकि आंदोलनरत मधेसी और जातीय समूहों की मांगों को शामिल किया जा सके जिसमें नागरिकता एवं सीमांकन आदि मुद्दे शामिल हैं।
इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा नहीं हो पाई जिसके आज संसद सचिवालय में सूचीबद्ध होने की उम्मीद थी।
बैठक के बाद सूचना एवं संचार मंत्री सुरेंद्र कुमार करकी ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री प्रचंड की व्यस्तता के चलते इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।
विधेयक को सूचीबद्ध कराने में सरकार ऐसे समय असफल रही है जब संविधान संशोधन को लेकर सीपीएन...यूएमएल का विरोध बढ़ रहा है।
इस बीच प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा कि संविधान संशोधन को लेकर अंतिम निर्णय सत्ताधारी दलों के शीर्ष नेताओं से मशविरे के बाद किया जाएगा।