इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आज भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले को तलब किया और पाकिस्तान के सात जवानों की मौत के बाद नियंत्रण रेखा एलओसी पर भारत द्वारा संघर्ष-विराम उल्लंघन बढऩे का आरोप लगाते हुए इसकी निंदा की और चेतावनीभरे अंदाज में कहा कि भारत का ‘लड़ाकू’ रवैया रणनीतिक स्थिति को बिगाड़ेगा।
विदेश सचिव ऐजाज चौधरी ने आज शाम को भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया और एलओसी पर भारतीय बलों पर बिना उकसावे के संघर्ष-विराम उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इसकी निंदा की। भीमबेर क्षेत्र में भारतीय जवानों की कार्रवाई में सात पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की बात कही गयी है।
एक बयान के मुताबिक विदेश सचिव ने एलओसी और कामकाजी सीमा पर खासतौर पर पिछले दो महीने में भारत की ओर से संघर्ष विराम-उल्लंघन का आरोप लगाया और इसकी निंदा की।
बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि भारतीय बलों का यह लड़ाकू रवैया क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है और इससे रणनीतिक स्थिति बिगड़ सकती है।
विदेश सचिव ने भारतीय उच्चायुक्त से भारत की सरकार को यह संदेश पहुंचाने को कहा कि उसे ‘बिना उकसावे के गोलीबारी रोकनी चाहिए और संघर्ष-विराम का पालन करना चाहिए।’
बयान में उनके हवाले से कहा गया कि पाकिस्तान संयम की नीति अपना रहा है जिसे कमजोरी का संकेत नहीं माना जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल गोलीबारी की शुरूआत नहीं करते लेकिन अगर गोलीबारी की गयी तो हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
पाकिस्तान ने एक सप्ताह में दूसरी बाद भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया है।
इससे पहले उसने 10 नवंबर को बंबावाले को विदेश कार्यालय बुलाया था और भारतीय बलों द्वारा कथित संघर्ष-विराम उल्लंघन और हथियारों के इस्तेमाल पर विरोध दर्ज कराया था।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज दिन में कहा था कि उनका देश किसी भी हमले से अपने क्षेत्र को बचाने में पूरी तरह सक्षम है।