इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह परिणाम उन्मुख बातचीत के जरिये भारत के साथ कश्मीर समेत सभी मुद्दों को सुलझाना चाहता है और उसने कहा कि यह बातचीत ‘‘कमजोर आधार’’ पर बंद नहीं करनी चाहिये। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का दृष्टिकोण पाकिस्तान की विदेश नीति का रूख स्पष्ट करता है जिसका उद्देश्य शांतिपूर्ण पड़ोस के जरिये क्षेत्रीय समृद्धि हासिल करना है।
जकरिया ने यहां एक नियमित ब्रीफिंग में कहा, ‘‘हम भारत के साथ सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण हल चाहते हैं खासतौर से जम्मू कश्मीर विवाद का।’’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आगामी सिंधू जल संधि आयुक्तों की बैठक की मेजबानी कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत के साथ संबंधों के विषय में स्थायी और परिणाम उन्मुख बातचीत की जररत पर जोर देते रहे हैं। इस बातचीत को कमजोर आधार पर रोकना या तोडऩा नहीं चाहिये।’’
जकरिया ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि भारत को जल्द ही इसका अहसास होगा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता में बातचीत अहम है और साथ ही हमारे दोनों देशों के बीच शांति में भी बातचीत अहम है खासतौर से जम्मू कश्मीर के मुद्दे के संदर्भ में।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केवल शांति और बातचीत के जरिये ही हम अपने लाखों लोगों को गरीबी से मुक्त करा सकते हैं।’’प्रवक्ता ने भारत के कथित युद्धकारी रूख की आलोचना की और उन्होंने कहा कि भारत अब भी क्षेत्र में हथियारों का सबसे बड़ा आयातक है।
उन्होंने कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए भारत की आलोचना करते हुये कहा कि पाकिस्तान ने जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 34वें सत्र में इस मुद्दे को उठाया है। जकरिया ने कहा कि भाजपा की घरेलू राजनीति में पाकिस्तान कार्ड का इस्तेमाल करने की नीति दुर्भाग्यपूर्ण और खेदजनक है। -(एजेंसी)