लाहौर। पाकिस्तान में एक मां को 16 वर्षीय अपनी पुत्री को जिंदा जलाने के लिए आज मौत की सजा सुनायी गई। उक्त लडक़ी घर से भाग गई थी और परिवार की सहमति के बिना विवाह कर लिया था। कुछ ही महीने पहले संसद ने ‘झूठी शान के लिए हत्या’ के वास्ते सजा का एक नया कानून बनाया था।
लडक़ी जीनत रफीक को उसकी मां परवीन बीबी ने जून 2016 में जिंदा जला दिया था। वह एक सप्ताह पहले हसन खान नाम के व्यक्ति से यहां एक अदालत के समक्ष विवाह करने के लिए घर से भाग गई थी।
परवीन ने इससे पहले अपनी पुत्री की ‘‘परिवार की बदनामी’’ करने के लिए हत्या करने की बात कबूल की थी।
पुलिस ने संदेह व्यक्त किया था कि इस कृत्य में परवीन की उसके पुत्र और एक दामाद ने मदद की थी।
लाहौर स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत एटीसी न्यायाधीश चौधरी मोहम्मद इलियास ने परवीन को ‘‘झूठी शान के लिए हत्या’’ मामले में मौत की सजा सुनाई। जीनत के भाई अनीस को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने यद्यपि दामाद जफर को बरी कर दिया।
अदालत में दोनों दोषियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने पहले जीनत की पिटाई की थी और उसके बाद उसकी मां ने उसे बिस्तर से बांध दिया और उस पर केरोसिन का तेल डालकर आग लगा दी।
परवीन आज अदालत में पेश हुई और जीनत की मौत की जिम्मेदारी स्वीकार की।
जीनत का पति हसन खान गत जून में अपनी पत्नी को उसके घर भेजने पर तैयार हुआ था। हसन खान अपनी पत्नी को तब उसके घर भेजने को तैयार हुआ जब उसके परिवार ने दोनों का पारंपरिक तरीके से विवाह कराने की बात कही थी।