पाकिस्तान ने आतंकी समूह बनाए, यह ‘राक्षस’ उसे ही खा रहा है : भारत

Samachar Jagat | Thursday, 02 Mar 2017 05:42:01 AM
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जिनीवा... नई दिल्ली। जिनीवा स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने आज कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ आतंकवादी समूह तैयार किए और अब आतंकवाद का यह ‘राक्षस’ अपने जन्मदाता को ही खा रहा है।

मानवाधिकार परिषद के 34वें सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय प्रतिनिधि अजीत कुमार ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ और सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देकर तथा हिंसा उकसाकर एवं उसका महिमामंडन करके हालात को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। आतंकवाद को ‘मानवाधिकार का घोर हनन’ करार देते हुए कुमार ने कहा कि सभी सदस्य एक देश की विडंबना को स्वीकार करेंगे जिसने ‘मानवाधिकारों की आड़ में रहकर आतंकवाद का वैश्विक केंद्र’ होने की प्रतिष्ठा हासिल की है।

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ आतंकी समूह बनाए। यह राक्षस अब अपने जन्मदाता को ही खा रहा है।’’ भारतीय राजदूत ने कहा कि दुनिया के सबसे वांछित आतंकवदियों ने पाकिस्तान में ‘सहायता और सहारा’ पा लिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में अशांति की बुनियादी वजह वह सीमापार आतंकवाद है जिसे पाकिस्तान ने मदद दी है और उकसाया है।

कुमार ने कहा कि पाकिस्तान कई वर्षों से जम्मू-कश्मीर में हालात को अस्थिर करने के लिए गहन अभियान चलाता आ रहा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और वहां के हालात देश का आंतरिक मामला हैं। भारतीय राजदूत अजीत कुमार ने कहा कि भारत इसका उल्लेख करना चाहेगा कि पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का हवाला दिया जाना ‘पूरी तरह से गुमराह करने वाला है क्योंकि पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर सूबे के हिस्सों को खाली करना जरूरी था क्योंकि इस पर उसका अवैध और जबरन कब्जा था।’

कुमार ने कहा कि ठोस और परिपक्व भारतीय लोकतंत्र ने एक बार साबित किया है कि किसी भी आंतरिक परेशानी का निवारण करने के लिए उसके पास मजबूत एवं उचित व्यवस्थाएंं हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अरब डॉलर के पैकेज का एलान किया है जिस पर तेजी से काम हो रहा है।

कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो गए हैं तथा 99 फीसदी छात्रों ने स्कूली परीक्षाओं में हिस्सा लिया है और स्कूल फिर से खुल गए हैं। भारतीय राजदूत ने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में बहुत अधिक विविधता है और भारत न्यायप्रिय एवं समतामूलक समाज के विचार को लेकर प्रतिबद्ध है। -(एजेंसी)



 

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