त्रिपोली। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के कब्जे वाले लीबिया के सिर्ते शहर में फिलीपींस की एक नर्स और उसकी सहकर्मियों को आतंकवादियों का इलाज करने और उसे चिकित्सीय प्रशिक्षण देने के लिए मजबूर किया गया। नर्स ने पत्रकारों को बताया, हमलोग फिलीपींस से यहां नर्स का काम करने आये थे। वर्ष 2015 में आईएस के इस इलाके को अपने कब्जे में लेने के बाद हम आईएस के चंगुल मे फंस गए।
लेकिन जब उन्हें पता चला कि हम मुस्लिम हैं तो उन्होंने हमें कड़े नियमों के तहत छोड़ दिया। हमें वहां अस्पताल में नर्स के रूप में नियुक्त किया गया और हम आईएस के आतंकवादियों को आपातकाल चिकित्सीय जानकारी और नर्सिंग के बारे मे बताते थे।
नर्स ने बताया कि,यह हमारे लिए काफी दर्दनाक अनुभव था। प्रत्येक दिन हम डर के साए में जीते थे। हमें यह नहीं पता था कि अगले पल क्या होगा। सिर्ते छोडक़र जाने की हालत में वे हमें जान से मारने की धमकी देते थे।
आईएस ने वर्ष 2015 के शुरुआत में ही सिर्ते शहर पर कब्जा कर लिया था। उस दौरान फिलीपींस की कई महिलाएं वहां के विभिन्न अस्पतालों में काम करती थी जिससे आईएस ने वहां अपने लोगों का इलाज करवाया। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष स्थानीय सेना की ओर से सिर्ते शहर को छुड़ाने के बाद यह नहिलाएं आईएस की जद से बाहर आ पाएं।