कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरीसेना ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए विदेश मंत्री को बदल दिया, जिन्होंने देश को तमिल विद्रोहियों के साथ दशकों तक चले गृह युद्ध के दौरान हुये कथित युद्ध अपराधों की वजह से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों से बचाया था।
सिरीसेना ने पहले मंत्रिमंडलीय फेरबदल के तहत रवि करूणानायके को विदेश मंत्रालय सौंपा जबकि मंगला समरवीरा को वित्त मंत्रालय के साथ ही मीडिया के नए मंत्रालय की जिम्मेदारी भी सौंपी। सिरीसेना ने देश में 2015 में सरकार बनाने के बाद से उनके कुछ मंत्रियों के कामकाज को लेकर हो रही आलोचना के मद्देनजर यह फेरबदल किया।
60 साल के समरवीरा को विपक्ष ने निशाना बनाया और उनपर आरोप लगाया कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रस्तावों का सह-प्रायोजक बन कर श्रीलंका के हितों के साथ समझौता किया। इन प्रस्तावों में श्रीलंका की मानवाधिकार जवाबदेही की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की गई है।
विपक्ष ने उन पर अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य राष्ट्रों द्वारा प्रायोजित 2015 के प्रस्ताव के जरिये घरेलू मामलों में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप का भी आरोप लगाया। श्रीलंका के तमिल समुदाय की मांग है कि युद्ध अपराध के मामलों की जांच करने वाले जांचकर्ता और न्यायाधीश देश से बाहर के होने चाहिएं। उन्होंने देश की न्यायपालिका में विश्वास की कमी का दावा किया।
उल्लेखनीय है कि 54 साल के करूणानायके प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी यूएनपी के उपनेता हैं। वित्तमंत्री के रूप में उनके कई कदमों, खास तौर पर मूल्य संवर्धित कर में इजाफा करने के कदम, को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है। सिरीसेना ने क्रिकेट से सियासत में आए अर्जुन रणतुंगा की जिम्मेदारियां भी बदल दीं। उन्हें गोदी एवं नौवहन मंत्रालय की जगह पेट्रोलियम संसाधन मंत्रालय सौंपा गया है। -(एजेंसी)