काठमांडू। नेपाल के पुनर्निर्मित बौद्धनाथ स्तूप को मंगलवार को जनता के लिए दोबारा खोला गया। यह स्तूप 2015 के भीषण भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था। उस भूकंप में देश के ज्यादातर सांस्कृतिक विरासत क्षतिग्रस्त हो गए थे।
सफेद गुंबद वाला स्वर्णिम स्तूप पिछले साल अप्रैल में आए 7.8 की तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था। उस विनाशकारी भूकंप में देश में तकरीबन 9000 लोगों की मौत हुई थी।
बौद्धनाथ क्षेत्र विकास समिति के अनुसार स्तूप को बहाल करने का काम मई 2015 में शुरू हुआ और उसपर 21 लाख डॉलर की लागत आई।
तीन दिन के शुद्धिकरण अनुष्ठान के बाद इसे खोला गया। रंगारंग ध्वज और फूलों से स्तूप को सजाया गया और भिक्षुओं ने मंत्रोच्चार किया।
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने स्तूप पहुंचने के बाद कहा कि यह हमारे लिए गौरव का क्षण है। बौद्धनाथ स्तूप का पुनर्निर्माण एक प्रेरणा है जिसे हमें भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में हासिल करना है।
यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में शामिल इस स्तूप का निर्माण पांचवीं सदी में किया गया था। इसका पुनर्निर्माण दुनियाभर के बौद्ध संगठनों और श्रद्धालुओं के चंदे से किया गया।