बिश्केक। भारत ने आज कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सिर्फ आतंकवादियों और उनके नेटवर्कों को खत्म करने के प्रयास की नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें उन राष्ट्रों की पहचान करने, जवाबदेह ठहराने और उनके खिलाफ मजबूत कदम उठाने की होनी चाहिए जो इस समस्या को प्रोत्सहित, सहयोग और वित्तपोषण करते हैं।
शंघाई सहयोग संगठन एससीओ के शासनाप्रमुखों की बैठक में विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि आतंकवाद शंाति एवं स्थिरता के लिए ‘सबसे बड़ा खतरा’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस समस्या के सभी स्वरूपों का मुकाबला करने की अपनी मजबूत प्रतिबद्धता जताते हैं तथा इस बात पर जोर देते हैं कि आतंकी गतिविधियों को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता।’’
अकबर ने आतंकवाद पर एससीओ की ओर से दिखाई गई स्पष्टता की सराहना की और कहा कि ‘कोई अगर या मगर नहीं, ऐसी कोई मूल कारण भी नहीं है जिसे इन करतूतों के लिए बहाना बनाया जाए।’
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई सिर्फ आतंकवादियों को खत्म करने और आतंकी नेटवर्कों को ध्वस्त करने के प्रयास की नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें उन राष्ट्रों की पहचान करने, जवाबदेह ठहराने और उनके खिलाफ मजबूत कदम उठाने की होनी चाहिए जो इस समस्या को प्रोत्सहित, सहयोग और वित्तपोषण करते हैं।’’