संयुक्त राष्ट्र। म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लमानों के पलायन पर अंतराष्ट्रीय चिंता के बीच संयुक्त राष्ट्र वहां की सरकार को चेतावनी जारी की है। संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार अदमा डींग ने नरसंहार पर रोकथाम के लिए एक बयान जारी कर कहा कि आरोपों की तत्काल जांच की जानी चाहिए और सरकार को प्रभावित इलाके का मुआयना करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
डींग ने कहा कि अगर रोहिंग्या के आरोप सही है, हजारों लोगों को जान का खतरा है। म्यांमार सरकार की छवि, वहां की नई सरकार तथा सैन्य बलों की छवि भी दाव पर है। उन्होंने कहा कि म्यांमार को कानून का शासन तथा देश के सभी लोगों के मानवाधिकारों का रक्षा की प्रतिबद्धता पर कायम रहने की जरूरत है।
वहां के निवासियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि रखाइन प्रांत में सैन्य कार्रावाई के दौरान रोभहग्या महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया और लोगों की हत्या की। हालांकि म्यांमार की सेना तथा सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है।
गौरतलब है कि रोहिंग्या लोगों का संबंध म्यांमार के पश्चिमी रखाइन प्रांत से है लेकिन म्यांमार की सरकार लगभग 10 लाख लोगों वाले इस समुदाय को गैरकानूनी बांगलादेशी प्रवासी मानती है। इसी का नतीजा है ज्यादातर रोभहग्या लोगों को म्यांमार की नागरिकता नहीं दी जाती है और सांप्रदायिक भहसा के कारण बहुत से लोग वहां से अपना सब कुछ छोड़ कर भागने को मजबूर हैं।