आबे के साथ शिखर स्तरीय वार्ता के लिए मोदी जापान पहुंचे, परमाणु करार होने की संभावना

Samachar Jagat | Friday, 11 Nov 2016 02:54:17 AM
Modi arrives in Japan for summit with Abe; N-deal likely

तोक्यो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के उनके समकक्ष के बीच कल व्यापक विषयों पर चर्चा के बाद दोनों देशों के बीच 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, साथ ही महत्वपूर्ण असैन्य परमाणु करार होने की भी संभावना है। दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान द्विपक्षीय सामरिक संबंधों को गति दी जाएगी।

थाईलैंड में दिवंगत राजा भूमिबोल अदूल्यादेज को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बैंकाक में कुछ समय रूकने के बाद प्रधानमंत्री नरेन् मोदी आज जापान पहुंचे।

जापान पहुंचने पर मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ सार्थक चर्चा को लेकर आशान्वित हूं जो भारत और जापान के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को गति प्रदान करेगा। ’’

मोदी ने यहां आने से जुड़ी तस्वीर जापानी में भी ट्वीट की।

शिखर स्तर की वार्ता के दौरान दोनों नेता सुरक्षा, कारोबार, निवेश, कौशल विकास और आधारभूत संरचना जैसे व्यापक क्षेत्रों में संबंधों को गति प्रदान करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी का कल से शुरू दो दिवसीय आधिकारिक कार्यक्रम के दौरान यहां और कोबे में जापानी कारोबारियों को संबोधित करने का कार्यक्रम है।
अपनी यात्रा शुरू करने से पूर्व मोदी ने कहा कि वे 11 नवंबर को तोक्यो में आबे से मुलाकात में द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों की समीक्षा करने को आशान्वित हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं भारत और जापान के शीर्ष कारोबारी नेताओं के साथ विस्तृत चर्चा करूंगा और हम कारोबार एवं निवेश संबंधों को और मजबूत बनाने के उपायों पर विचार करेंगे। ’’

सूत्रों ने बताया कि शिखर स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच 12 समझौतो पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इनमें कौशल विकास, सांस्कृतिक आदान प्रदान और आधारभूत संरचना जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

सूत्रों ने आज बताया कि कल असैन्य परमाणु करार पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद के बीच दोनों पक्ष इस विषय पर वार्ता को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं।
पिछले साल दिसंबर में आबे की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच इस बारे में व्यापक सहमति बनी थी लेकिन अंतिम समझौता पर हस्ताक्षर नहीं किया जा सका था क्योंकि कुछ तकनीकी एवं कानूनी मुद्दे सामने आ गए थे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पिछले सप्ताह कहा था कि दोनों देशों ने करार के मसौदे के जुड़े कानूनी एवं तकनीकी पहलुओं समेत आंतरिक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी की यात्रा के दौरान करार पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, स्वरूप ने कहा था कि, ‘‘ मैं बातचीत के परिणामों के बारे में पहले से कुछ आकलन नहीं कर सकता। ’’

भारत और जापान के बीच परमाणु करार के विषय पर बातचीत कई वर्षो से जारी है लेकिन इसके बारे में प्रगति रूकी हुई थी क्योंकि फुकुशिमा परमाणु उर्जा संयंत्र में 2011 में दुर्घटना के बाद जापान में राजनीतिक प्रतिरोध की स्थिति थी।

जापान दुनिया का एकमात्र देश है जिस पर परमाणु बम गिराया गया है और वह परमाणु मुद्दे को लेकर काफी संवेदनशील है और भारत के साथ परमाणु करार इस दिशा में महत्वपूर्ण है क्योंकि वह परमाणु अप्रसार संधि एनपीटी का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है।

तोक्यो में मोदी का जापान के सम्राट अकिहितो से भी मिलने का कार्यक्रम है। उनका वहां के विपक्ष के कुछ नेताओं और अन्य राजनीतिकों से भी मिलने का कार्यक्रम है।

तोक्यो से मोदी, आबे के साथ शिंकांसेन बुलेट ट्रेन में कोबे जाएंगे। इसी प्रौद्योगिकी का उपयोग मुम्बई .. अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे के लिए किया जाएगा। मोदी कोबे में कावासाकी भारी उद्योग कें भी जाएंगे जहां हाई स्पीड ट्रेन का उत्पादन होता है।

जापान रवाना होने से पहले मोदी ने अपने बयान में कहा, ‘‘ जापान के साथ हमारे संबंध विशेष सामरिक और वैश्विक गठजोड़ से रेखांकित है। भारत और जापान एक दूसरे को बौद्ध धरोहर, लोकतांत्रिक मूल्यों और वैश्विक व्यवस्था के नियमों के साझे मूल्य की नजर से देखते हैं।’’



 

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