संयुक्त राष्ट्र। केन्या ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव पर दक्षिण सूडान में घातक हमलों की जांच करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। केन्या का आरोप है कि इस जांच का नतीजा पहले से ही तय है जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के केन्याई कमांडर पर दोष मढ़ा जाना है जिन्हें महज तीन हफ्तों की तैनाती के बाद बर्खास्त कर दिया गया था।
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संयुक्त राष्ट्र में केन्या के राजदूत एम कमाउ ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने जॉनसन मोगोआ किमानी ओंडिइकी को संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षण व्यवस्था की प्रणालीगत विफलताओं के लिए ‘बलि का बकरा’ बनाते हुए बर्खास्त कर दिया। उन्होंने कहा कि जांच की मांग सुरक्षा परिषद् के कुछ मौजूदा और भविष्य के सदस्यों ने की जो दक्षिण सूडान की राजधानी जुबा में जुलाई में हुए हमलों के दौरान अपने हितों की रक्षा करना चाहते थे। उन्होंने उनकी पहचान नहीं बताई।
जांच में जुबा में संयुक्त राष्ट्र परिसर में हुए एक हमले पर संयुक्त राष्ट्र शांति सेना की प्रतिक्रिया की तीखी आलोचना की गई है। जुबा स्थित इस परिसर में 27,000 विस्थापित रह रहे थे ।
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जुलाई में तीन दिन से ज्यादा वक्त में हमलों में कम से कम 73 लोग मारे गए थे, जिसमें दो चीनी शांतिरक्षक और संयुक्त राष्ट्र का संरक्षण चाहने वाले 20 से ज्यादा आंतरिक तौर पर विस्थापित हुए लोग शामिल थे। जांचकर्ताओं ने एक निजी परिसर में हुए एक हमले पर संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों की प्रतिक्रिया की आलोचना की है। यह हमला उस जगह से एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर हुआ था जहां सरकारी सशस्त्र सैनिकों ने संयुक्त राष्ट्र कर्मियों, राहत कर्मियों और स्थानीय स्टाफ के साथ लूटमार की थी, उन्हें पीटा था, बलात्कार किया था और हत्या की थी। (एजेंसी)
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