नई दिल्ली। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में कनाडा की ओंटारियो असेंबली द्वारा 1984 के सिख-विरोधी दंगों को ‘नरसंहार’ करार देते हुए पारित प्रस्ताव को लेकर कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन से भारत की निराशा पुरजोर तरीके से दर्ज कराई। सज्जन से बातचीत में जेटली ने प्रस्ताव पारित किए जाने की निंदा करते हुए कहा कि इससे भारत में गुस्सा उपजा है और यह तथ्यों को पूरी तरह बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना है।
सूत्रों के अनुसार दोनों की मुलाकात में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया गया। कनाडाई मंत्री को बताया गया कि दंगों को ‘नरसंहार’ कहने को लेकर भारत में निराशा और अशांति रही है। भारतीय मूल के मेहमान कनाडाई मंत्री ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह एक सदस्य का निजी प्रस्ताव था और कनाडा की सरकार तथा जनता इस तरह के विचार का बिल्कुल भी समर्थन नहीं करते। खबरों के मुताबिक यह प्रस्ताव पांच के मुकाबले 34 सदस्यों के वोट से पारित हुआ था।
साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद दंगे भडक़े थे। बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। सज्जन ने कहा कि कनाडाई रक्षा कंपनियां रक्षा उत्पादन के लिए ‘मेक इन इंडिया’ पहल में भाग लेने में बहुत रुचि रखती हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा विभिन्न सैन्य उपकरणों के संयुक्त उत्पादन में काफी कुछ सहयोग दे सकता है।
जेटली और सज्जन ने दोनों देशों के रक्षा अनुसंधान संगठनों के बीच समुद्री सहयोग और अनुसंधान को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों देशों की सेनाओं के बीच नियमित सैन्य अभ्यास की संभावना पर भी चर्चा हुई। सज्जन ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस मुलाकात को परिणामदायक बताया और कहा कि दोनों पक्षों ने रक्षा और सुरक्षा संबंधों को गहन करने का संकल्प लिया।
कनाडाई रक्षा मंत्री सात दिवसीय दौरे पर कल यहां पहुंचे। कनाडा के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री का पदभार संभालने के बाद यह उनका पहला भारत दौरा है। सज्जन सिख समुदाय से हैं। इस दौरान वह अमृतसर, चंडीगढ़ और मुंबई भी जाएंगे। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि वह ‘खालिस्तानी समर्थक’ हैं। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस नेता के साथ किसी हल्की राजनीति में नहीं पड़ेंगे।
सज्जन ने संवाददाता सम्मेलन में इस मुद्दे पर कहा, मैं एक प्रांत के मुख्यमंत्री के साथ किसी हल्की राजनीति में नहीं पड़ रहा। मुझे अपनी जड़ों पर बहुत गर्व है और मेरा काम मेरे बारे में बोलता है। कनाडाई मंत्री की यात्रा से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह सज्जन से मुलाकात नहीं करेंगे और आरोप लगाया कि वह खालिस्तानियों के हमदर्द हैं।