प्रताडऩा को लेकर संयुक्त राष्ट्र से जांच की मांग

Samachar Jagat | Monday, 14 Nov 2016 06:01:36 PM
inquiry demand from UN Harassment by the srilankan army

कोलंबो। संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष आयोग की एक पूर्व सदस्य ने संयुक्त राष्ट्र की प्रताडऩा विरोधी समिति यूएनसीएटी से श्रीलंका का दौरा करने और सुरक्षा बलों द्वारा जारी अपहरण, प्रताडऩा एवं यौन हिंसा की स्वतंत्र जांच करने की मांग की।

भारतीय मूल की यास्मीन सूका श्रीलंका-लिट्टे युद्ध से संबंधित संयुक्त राष्ट्र की विशेष समिति की सदस्य थींं और वह इस समय इंटरनेशनल ट्रूथ एंड जस्टिस प्रोजेक्ट आईटीजेपी की प्रमुख हैं। यास्मीन ने श्रीलंका में प्रताडऩा की जांच के लिए इस हफ्ते जिनीवा में होने वाली यूएनसीएटी की बैठक से पहले यह मांग की।

उन्होंने कहा, प्रताडऩा एवं अपहरण इतने व्यवस्थित हैं और सुरक्षा बलों के डीएनए में घुसे हुए हैं कि संसद में राजनीतिक दलों का पुनर्संगठन तथा राष्ट्रपति मैत्रपाला सिरीसेना के नेतृत्व वाली नयी सरकार भी इन अपराधों को रोक नहीं पा रही है।

यास्मीन ने कहा, श्रीलंका की सरकार की ओर से सुरक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए एक कार्यक्रम चलाने के लिए राजनीतिक इच्छा और प्रतिबद्धता की जरूरत है जो श्रीलंका में बदकिस्मती से नदारद है।

यास्मीन लिट्टे के साथ युद्ध के अंतिम चरण में अंजाम दिए गए कथित युद्ध अपराधों को लेकर सलाह देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के निवर्तमान महासचिव बान की मून द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति में शामिल थीं। युद्ध का अंतिम चरण 2009 में खत्म हुआ था।



 

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