इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आज सुरक्षा परिषद् के पांच स्थाई सदस्य देशों के मिशन प्रमुखों को भारत द्वारा नियंत्रण रेखा नियंत्रण रेखा एवं कामकाजी सीमा के कथित उल्लंघन की जानकारी दी और कहा कि भारतीय सेना द्वारा ‘‘भारी हथियारों’’ के इस्तेमाल से शांति एवं स्थिरता पर खतरा पैदा हो रहा है और ‘‘सामरिक दृष्टि से यह गलत आकलन’’ की तरफ जा सकता है।
पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कहा कि विदेश सचिव ऐजाज अहमद चौधरी ने अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के राजदूतों को पिछले दो महीनों में ‘‘भारतीय नियंत्रण बलों’’ द्वारा की गई कथित रूप से बिना किसी उकसावे की गोलीबारी और संघर्ष विराम उल्लंघनों की जानकारी दी।
चौधरी ने भारतीय पक्ष पर अंधाधुंध गोलीबारी की आवृत्ति एवं अवधि में हुई वृद्धि, गांवों एवं असैन्य आबादी वाले इलाकों को जानबूझकर निशाना बनाने का आरोप लगाया और इसपर चिंता जताते हुए कहा कि इसके कारण 26 असैनिक मारे गए हैं और 107 अन्य घायल हुए हैं।
विदेश सचिव ने यह आरोप भी लगाया कि भारतीय पक्ष 13 साल के अंतराल के बाद इस तरह के भारी हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है।
विदेश कार्यालय ने चौधरी के हवाले से कहा, ‘‘पाकिस्तान को जवाब देने पर मजबूर किया गया लेकिन हमने ऐसा अधिकतम संयम के साथ किया। पाकिस्तान के सशस्त्र बलों ने करारा जवाब दिया।’’
उन्होंने आशंका जताई कि भारत की कार्रवाइयां शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने के लिए खतरा हैं और इससे ‘‘रणनीतिक गलतियांं’’ शुरू हो सकती हैं।
चौधरी ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह यूएनएमओजीआईपी के साथ सहयोग भी नहीं कर रहा।
विदेश कार्र्यालय के बयान के अनुसार राजदूतों ने आश्वस्त किया कि वे अपनी अपनी सरकारों को पाकिस्तान की चिंता से वाकिफ करा देंगे।