वाशिंगटन। अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने अपनी भारत यात्रा से कुछ दिन पहले आज कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच रक्षा संबंध कभी इतने प्रगाढ़ नहीं रहे, जितने आज हैं और उनकी सेनाएं वायु, भूमि और समुद्र में जिस तरह सैन्य अभ्यास कर रहीं हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ।
जल्द धनुष संग काम करेंगी काजोल!
कार्टर ने कैलिफोर्निया के सिमी वैली में रीगन नेशनल डिफेंस फोरम में अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका-भारत रक्षा संबंध अब तक के सबसे प्रगाढ़ संबंध हैं। पुनसंतुलन के लिए अमेरिका के पश्चिम की ओर बढऩे और प्रधानमत्र्ंाी नरेंद्र मोदी की एक्ट ईस्ट नीति के मुताबिक भारत के पूर्व की ओर बढऩे के साथ हमारी रणनीतिक भागीदारी के जरिये हमारे दोनों देश वायु, भूमि और समुद्र में मिलकर इस तरह अभ्यास कर रहे हैं, जिस तरह पहले कभी नहीं किया।
कार्टर आठ दिसंबर को भारत यात्रा पर आएंगे। वह जापान, बहरीन, इस्राइल, इटली और ब्रिटेन की यात्रा भी करेंगे। पहली बार है कि किसी निवर्तमान अमेरिकी रक्षा मंत्री ने अपनी अंतिम विदेश यात्राओं के कार्यक्रम में भारत को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि हमने तकनीकी स्तर पर भी हाथ मिलाया है जिसमें अमेरिका-भारत रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल डीटीटीआई और प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया अभियान के बीच तालमेल किया गया है।
लालू ने मोदी पर ली चुटकी, कहा-फकीर अपनी फकीरी का ‘जिक्र’ नहीं करते
इससे हमारे देशों को शस्त्र प्रणालियों के और अधिक विविधतापूर्ण सह-विकास और सह-उत्पादन की ओर बढऩे में मदद मिल रही है। कार्टर नई दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे।
पेंटागन ने पिछले सप्ताह एक बयान में कहा था कि वे दोनों देशों के बीच रणनीतिक भागीदारी पर काम करेंगे और पिछले दशक में रहे संबंधों को गति प्रदान करते रहेंगे जिनमें मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में विस्तृत रक्षा सहयोग शामिल हैं।