नेपाल को आसान ऋण देने के लिए भारत तैयार: जेटली

Samachar Jagat | Friday, 03 Mar 2017 11:19:16 PM
India ready to give soft loans to Nepal: Jaitley

काठमांडू। भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नेपाल को उच्च व्यापार घाटे के मुद्दे पर निर्यातोन्मुखी उद्योगों में अधिक भारतीय निवेश आकर्षित कर अपने निर्यात बास्केट को बढ़ाने की सलाह देेते हुये कहा है कि नेपाल में नये बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारत अधिक आसान ऋण देने के लिए तैयार है। 

यहां दो और तीन मार्च को आयोजित दो दिवसीय नेपाल निवेश सम्मेलन-2017 में भाग लेने आये  जेटली ने नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल‘प्रचंड’से भी मुलाकात की। उन्होंने नेपाल के उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री कृष्ण बहादुर महरा और उद्योग मंत्री नबिन्द्र राज जोशी के साथ भी बैठक की। उन्होंने पशुपति मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। 

द्विपक्षीय बैठकों में जेटली ने सामाजिक आर्थिक वृद्धि की आकांक्षाओं को पूरा करने में नेपाल के साथ भागीदारी की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि भारतीय सहायता से कई एकीकृत जांच चौकी, रेल भलक, हुलाकी सडक़, स्कूल और स्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण किये गये हैं और भारत नयी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अधिक आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए तैयार है जिससे नेपाल को तेजी से वृद्धि करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अपर करनाली और अरुण-तृतीय जैसी बिजली परियोजनाओं को जल्दी पूरा कर नेपाल भारत को बिजली निर्यात कर सकता है। इन परियोजनाओं में देरी के कारक बने वन भूमि और भूमि अधिग्रहण के मामलों को जल्द से जल्द सुलझाने का आग्रह भी किया।

नेपाल के नेताओं ने भारत की विकास सहायता के लिए जेटली को धन्यवाद दिया और नेपाल में आए भूकंप के बाद पुनर्निर्माण में भारत की सहायता की सराहना की। नेपाल के उप प्रधानमंत्री ने सर्दियों में 380 मेगावाट बिजली की निर्यात सुविधा के लिए विशेष रूप से भारत का आभार व्यक्त किया जिससे नेपाल के कई क्षेत्र बिजली कटौती से मुक्त रहे। दोनों देशों के बीच अब लगभग 500 मेगावाट बिजली व्यापार के लिए पारेषण लाइन है और वर्ष 2017 के मध्य तक यह बढक़र 750 मेगावाट से अधिक हो जाएगी।

जेटली ने निवेश सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि नेपाल के बीच व्यापार और निवेश के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर भारत का संबंध है और नेपाल भारत से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के लिए तैयार है। उन्होंने अर्थव्यवस्था में सुधार और एफडीआई आकर्षित करने में भारत के अनुभव को साझा करते हुये कहा कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार तथा आर्थिक क्षेत्रों में और सहयोग बढ़ाने में मदद मिलती है।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच व्यापार तथा निवेश के क्षेत्र में व्यापक संबंध हैं और नेपाल अनुकूल कानूनी और नियामक ढांचा तैयार कर भारत से और एफडीआई आकर्षित करने के लिए तैयार है। उन्होंने भारत को नेपाल के व्यापार और निवेश में सबसे बड़ा साझीदार बताते हुये कहा कि नेपाल का दो तिहाई से अधिक व्यापार भारत के साथ होता है और नेपाल में आने वाले एफडीआई में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है।

दोनों देशों के बीच खुली सीमा है और दोनों देश एक-दूसरे के नागरिकों के साथ राष्ट्रीयता का व्यवहार करते हैं तथा लाखों नेपाली नागरिक भारत में रहते और काम करते हैं। नेपाल में पनबिजली, ट्रांसमिशन लाइन,सडक़ और रेल नेटवर्क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, भसचाई जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जिनमें भारतीय निवेश आकर्षित किया जा सकता है। भारत, काठमांडू-निजगढ़ त्वरित सडक़, निजगढ़ में दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, कोसी उच्च बांध जैसी परियोजनाओं में निवेश करने के लिए तैयार है। -(एजेंसी)



 

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