कोलंबो। श्रीलंका ने मन्नार की खाड़ी और दोनों देशों को अलग करने वाले पाक जलडमरूमध्य में भारतीय मछुआरों के मछली पकडऩे पर रोक लगाने के लिए तीन साल का समय देने के भारत के अनुरोध को खारिज कर दिया।
द संडे टाइम्स अखबार की खबर के अनुसार श्रीलंका ने जब्त नौकाएं छोडऩे और श्रीलंका की समुद्री सीमा में भारतीय मछुआरों को मछली पकडऩे के लिए 80 दिन का समय देने के भारत सरकार के अनुरोध को भी नामंजूर कर दिया।
श्रीलंका के मत्स्यपालन मंत्री महिंदा अमरवीरा ने फोन पर कहा कि भारतीय मंत्रियों के दल के साथ वार्ता के दौरान मुद्दों का हल नहीं हो सका। दल में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कृषि मंत्री राधामोहन और जहाजरानी राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन शामिल थे।
खबर में कहा गया कि अमरवीरा के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल और विदेश मंत्री बातचीत के दौरान गतिरोध खत्म करने में नाकाम रहे।
खबर के अनुसार भारत ने भारतीय मछुआरों के श्रीलंका की समुद्री सीमा में मछली पकडऩे पर रोक लगाने के लिए तीन साल का समय मांगा था लेकिन श्रीलंका ने कहा कि इसके लिए तीन साल का समय बहुत ज्यादा है।
वार्ता के बाद नई दिल्ली में जारी की गई एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि दोनों पक्ष मुद्दों पर बातचीत जारी रखने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह नियुक्त करने पर सहमत हुए।
श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसद एम ए सुमनथिरन ने कहा कि श्रीलंका की समुद्री सीमा में करीब मछली पकडऩे की करीब 1,000 भारतीय नौकाएं जाती हैं जो लंबे समय तक मछली पकडऩे की अवधारणा के खिलाफ है।