वॉशिंगटन। वैज्ञानिकों ने मानव द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड का पहला वैश्विक खाका तैयार कर लिया है और इसके लिए उन्होंने ग्रीनहाउस गैस के बारे में नासा के उपग्रह से मिले आंकड़ों का उपयोग किया।
नासा के ‘ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्जर्वेटरी...2’ ओसीओ...2 उपग्रह के आंकड़ों तथा नयी डेटा प्रोसेसिंग प्रौद्योगिकी से मिले आंकड़ों के आधार पर तैयार किए गए इन नक्शों में कार्बन डाइऑक्साइड के ज्ञात उत्सर्जनों के बारे में गहन जानकारी है।
ओसीओ...2 से पहले तक कोई भी उपग्र्रह कार्बन डाइऑक्साइड की इस तरह सटीक गणना करने में सक्षम नहीं था जिससे अनुसंधानकर्ताओं को केवल उपग्रह के आंकड़ों के आधार पर मानव जनित उत्सर्जन का खाका तैयार करने में मदद मिल सके।
इसके उलट, पूर्व के खाकों में आर्थिक डेटा और मॉडलिंग के नतीजे शामिल थे। फिनिश मैटिरोलाॉजिकल इन्स्टीट्यूट के वैज्ञानिकों के एक दल ने ओसीओ...2 के डेटा की मदद से तीन मुख्य खाके तैयार किए। इन तीनों को पृथ्वी में सर्वाधिक गैस उत्सर्जक क्षेत्रों ... पूर्वी अमेरिका, मध्य यूरोप और पूर्वी एशिया के मध्य में रखा गया।
नक्शे में कार्बन डाइऑक्साइड के व्यापक उत्सर्जक बड़े शहरी इलाकों में और अत्यधिक उत्सर्जन वाले इलाकों में बड़े शहरी क्षेत्रों में इस गैस को दिखाया गया है।
अध्ययन के नेतृत्वकर्ता और अनुसंधानकर्ता वैज्ञानिक जेल हक्कारईनैन ने बताया ‘अलग अलग शहरों में भी छोटे अलग थलग और गैस उत्सर्जक इलाकों को ओसीओ...2 ने खोजा है।’
औद्योगिक क्रांति के बाद से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में तेजी आई है और एक दशक या अधिक समय से वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की उपस्थिति बढ़ी है। -एजेंसी